रविवार, 1 अक्तूबर 2023

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से 1 अक्टूबर 2023 को आयोजित काव्य गोष्ठी .....

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की मासिक काव्य-गोष्ठी रविवार 1 अक्टूबर 2023 को मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में हुई। 

राजीव प्रखर द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने गीत प्रस्तुत करके सभी के हृदय को जीता - 

बांट रहीं दिनकर की किरणें,

 उल्लासित उजियारे।

ऊषा रानी भर लायी है, 

आंचल में सुख सारे। 

 मुख्य अतिथि रामसिंह निशंक की अभिव्यक्ति थी -

अपनी जननी को माॅं कहना किसे नहीं अच्छा लगता। 

सुत का आज्ञाकारी दिखना, किसे नहीं अच्छा लगता। 

विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. महेश 'दिवाकर' की इन पंक्तियों ने सभी के हृदय को छुआ - 

देने को दो शब्द नहीं हैं, भैया पास तुम्हारे। 

कैसे तुमको जगत कहेगा, अपना प्रियतम प्यारे।

 विशिष्ट अतिथि नकुल त्यागी ने कहा - 

लाल बहादुर शास्त्री जी का नारा 

जय जवान जय किसान, 

भारत राष्ट्र बने महान। 

रामदत्त द्विवेदी का दर्द कुछ इस प्रकार झलका - 

समझो, वृद्धों के महत्व को, उनकी कर लो चरण वन्दना। 

दर्जा उनका देवतुल्य है, इसको याद उन्हें है रखना।। 

रामेश्वर प्रसाद 'वशिष्ठ' ने संदेश दिया - 

मानव बन तू दीप सामान,

दीपक सा तू जल जल करके

 कर कर्तव्य महान।

पद्म सिंह बेचैन ने कहा - 

प्यार के इस गीत को मैं गुनगुनाऊॅं किस तरह, 

अपने दिल के दर्द को तुमको बताऊॅं किस तरह। 

 योगेन्द्र वर्मा व्योम ने सामाजिक परिस्थितियों का चित्र खींचा - 

आये दिन यदि हो नहीं, आपस में तकरार। 

मन के आँगन में कभी, उठे न फिर दीवार ।। 

मिल-जुलकर हम-तुम चलो, ऐसा करें उपाय। 

अपनेपन की लघुकथा, उपन्यास बन जाय।। 

संचालन करते हुए राजीव प्रखर ने बालमन की अभिलाषा को व्यक्त किया - 

मनभावन यह प्रीत तुम्हारी, किन शब्दों में तोलूं। 

चिड़िया रानी मन है मेरा, साथ तुम्हारे डोलूं। 

 रचना-पाठ करते हुए जितेन्द्र जौली ने कहा - 

एक साफ मैदान में, पत्ते, फूल गिराय। 

झाडू हाथों में उठा, फोटो लिया खिंचाय।। 

कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने उपस्थित रहकर सभी का उत्साहवर्धन किया।‌ राजीव प्रखर ने आभार-अभिव्यक्त किया ।












1 टिप्पणी: