सोमवार, 2 अक्टूबर 2023

मुरादाबाद मंडल के जनपद अमरोहा की साहित्यकार मनोरमा शर्मा का गीत ....प्रौढ़ावस्था हुयी सयानी, बोनसाइ त्योहार हुए हैं



पर्व मनाते यंत्रवत् हम

थके हुए त्योहार हुए हैं

पृथक आत्मा तन के ज्यों 

रीतिबद्ध त्योहार हुए हैं । 


कलाइयों पर सजी राखियाँ 

मन ,बच्चे जैसे निर्मल थे

प्रौढ़ावस्था हुयी सयानी 

बोनसाइ त्योहार हुए हैं ।

  

पर्वों की अवतंस श्रंखला

सुखधाम धरा की निश्चलता

स्थिर और ठहरे जीवन में

सक्रियता के नाम हुए है । 


त्योहारी इस सभ्यता का

संयम से संपोषण करना

जीवन जीने के अर्थों में   

ये सकाम  ललाम हुए है । 


पर्व मनाते यंत्रवत् हम 

थके हुए त्योहार हुए हैं 

पृथक आत्मा तन की ज्यों  

रीतिबद्ध त्योहार हुए हैं ।। 


✍️ मनोरमा शर्मा

जट्बाजार

अमरोहा

उत्तर प्रदेश, भारत

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