आगत का स्वागत अभिनंदन
और विगत की करें विदाई।
नव संवत की बेला आई ।
नवल विचार - नवल कल्पना,
नवल रंगोली - नवल अल्पना,
नवल योजना - नव आशाएं
नवल वर्ष मिल सभी मनाएं
चेहरों पर आई अरुणाई ।
नव संवत की बेला आई ।।
नव उत्साह - नवल उमंगें
नवल नवल - नवीन तरंगे
नव उत्साह - नवल आयोजन
नवल मंच - नवल संयोजन
झूम उठे जिसमें तरुणाई।
नव संवत की बेला आई।
नव आगत का स्वागत प्यारे
नव आशाएं भविष्य संवारे
कोई कार्य रहे न असंभव
मंगलकारी हो यह वर्ष नव
पल-पल हो इसका सुखदाई।
नव संवत की बेला आई।।
✍️डॉ. अनिल शर्मा'अनिल'
धामपुर, बिजनौर
उत्तर प्रदेश, भारत
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