शनिवार, 2 अप्रैल 2022

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ प्रीति हुंकार की रचना --चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा की, सबको है शत बार बधाई


 नव संवत की बेला आई 

वसुधा ने पाई  तरुणाई


वीथि वीथि मंन्त्रों का गुंजन

मन मंदिर में माँ का वंदन 

प्रतिपल प्रकृति पुलकित मुखरित

महक उठा खुशियों का चंदन ।

पुण्य धरा पर आर्यवर्त की 

गूँज उठी पावन शहनाई ।

नव संवत की बेला आई ।


गेहूं और सरसों की फसलें 

घर आँगन में पटी हुईं है ।

खेत और खलिहान महकते 

जन की भीड़ें डटी हुई है ।

आम्रमंजरी झुकी धरा पर 

आलिंगन करने को आई ।

नव संवत की बेला आई ।.

मंद सुगंधित अनिल बही है 

भौरों का दल आया है ।

कुसुमाकर ने निज प्रभाव से 

मन सबका बहकाया है । 

चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा की 

सबको है शत बार बधाई ।

नव संवत की बेला आई ।

✍️ डॉक्टर प्रीति हुंकार 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत


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