दो-दो बार हराया तुझको,
फिर भी बाज न आता तू,
भारत भू पर पग धरने का,
दुस्साहस दिखलाता तू,
तेरे पाले हुए सपोले,
तुझको ही डस जाएंगे,
शीघ्र मिला देंगे मिट्टी में,
जिनको दूध पिलाता तू!
भारत माँ का गुस्सा तेरा,
सर्वनाश ही कर देगा,
चुन-चुन कर मारेगा उनको,
जिनसे हाथ मिलाता तू!
बम-परमाणु क्या कर लेगा?
समय तुझे समझा देगा!
खो देगा तुझको दुनिया से,
जिस बम पर इठलाता तू!
बड़े - बड़े आतंकी आका,
तेरे काम न आएंगे!
बेमतलब सोने - चांदी के,
उनको कौर खिलाता तू!
भुला दिया तूने उस रब को,
तू कैसा रहमानी है?
अजहर,हाफिज के नामों की,
माला रोज हिलाता तू!
अभी समय है हद में रह ले,
बार - बार चेताता हूँ!
सबको ही मिटने का डर है,
क्यों मन को बहलाता तू?
हम भारत माता के बेटे,
आदर्शों में जीते हैं!
अल्लाहकी रहमत को पगले,
अक्सर ही झुठलाता तू!
✍️ वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर
9719275453
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