शनिवार, 10 मई 2025

मुरादाबाद के साहित्यकार ओंकार सिंह 'ओंकार' के सात मुक्तक .....रण वीरों ने कर दिया, आप्रेशन सिंदूर। आतंकी गढ़ कर दिए, बिल्कुल चकनाचूर ।।



(1)

जाति-धर्म के नाम पर, फैलाते आतंक। 

पूरी धरती के लिए, वे हैं बड़े कलंक।। 

ऐसे दुष्टों से करो, नहीं नर्म व्यवहार, 

इनको अब दण्डित करो, होकर सभी निशंक।। 

(2)

निर्दोषों को मारना, कहें धर्म का काज। 

ऐसा कहने पर उन्हें, तनिक न आती लाज। । 

इन्हें पढ़ाकर भेजते,      कई बड़े शैतान, 

लाशों पर इंसान की,    करते हैं ये राज।। 

(3)

पहलगाम में धर्म की, कर-करके पहचान। 

दुष्टों ने मारे सभी,   सज्जन थे इंसान।। 

इनको दण्डित कीजिए, कहीं न जाएँ भाग, 

ये मानव के नाम पर, सब ही हैं शैतान।। 

(4)

निर्दोषों को मारकर, करें घिनौना कर्म। 

और बताते हैं उसे, सबसे उत्तम धर्म।। 

रची सृष्टि जब ईश ने, मानव थे तब एक, 

दुष्ट सोच के लोग यह, कभी न समझें मर्म।। 

(5)

गीता में श्रीकृष्ण ने, दिया एक निर्देश। 

रक्षित मानवता करो, तभी बचेगा देश।। 

दुर्जन की पहचान कर, धनुष वाण ले हाथ, 

दुष्टों से संग्राम का, देते हैं आदेश।। 

(6)

रण वीरों ने कर दिया, आप्रेशन सिंदूर। 

आतंकी गढ़ कर दिए, बिल्कुल चकनाचूर।। 

आतंकी आका सभी, चकित रह गए देख, 

दुष्टों के अभिमान को, चोट लगी भरपूर।। 

(7)

अब भी यदि सुधरा नहीं, सुन ले पाकिस्तान। 

धरती से मिट जायगा, तेरा नाम- निशान।। 

भारत माँ के वीर ने, भरी अगर हुंकार, 

मिट्टी में मिल जाएंगे, तेरे सब शैतान।। 

✍️ ओंकार सिंह 'ओंकार' 

मुरादाबाद 24400111

उत्तर प्रदेश, भारत

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