पाक नियत नापाक हो गईं छल -बल -सब अपनाता है।।
पक्का धोखेबाज दुष्ट यह अन करनी कर जाता है।।
एक बार दो बार नहीं यह वार पीठ पीछे करता।
भारत सैन्यबलों के आगे, पूँछ दबा छिप जाता है।।
शर्म नहीं आती है इसको, डूबे चुल्लू भर पानी में।
गीदड़ जैसी घुड़की देता, पिटे नहीं शर्माता है।।
आतंकी आकाओं के बल, निर्दोषों को मार रहा।
अरे अनाड़ी चापलूस क्यों, भारत से बैर बढ़ाता है।।
तेरी प्रजा तुझे कदाचित, क्षमा नहीं कर पायेगी।
त्राहि -त्राहि मची हुई क्यों, तू इनको बिलखाता है।।
✍️डॉ प्रेमवती उपाध्याय
मुरादाबाद
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