मंगलवार, 17 सितंबर 2024

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर की साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय काव्यधारा के तत्वावधान में 15 सितंबर 2024 को जितेन्द्र कमल आनंद की कृति 'आनंद छंद माला भाग-१' का विमोचन समारोह

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर की साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय काव्यधारा के तत्वावधान में हिंदी दिवस पर संस्था के संस्थापक जितेन्द्र कमल आनंद की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह और 'आनंद छंद माला भाग-१' का विमोचन आनंद कॉन्वेंट स्कूल, ज्वाला नगर, रामपुर में किया गया ।  मुरादाबाद के डॉ स्वदेश कुमार भटनागर मुख्य अतिथि और हल्द्वानी  की डॉ गीता मिश्रा 'गीत' व बरेली के डॉ महेश मधुकर विशिष्ट अतिथि रहे । मंच संचालन राम किशोर वर्मा ने किया ।

     राज वीर सिंह 'राज' द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती वंदना से आरंभ इस समारोह में 'आनंद छंद माला भाग-१' का विमोचन  करते हुए  डा स्वदेश कुमार भटनागर ने कहा--" किसी ऋषि की आत्मा की तरह पवित्र जितेंद्र कमल आनंद की कविताओं से गुजरते हुए कई बार ऐसा लगता है कि हमारा अंतर्जगत् भी है, और उसका होना महत्वपूर्ण है। "         रामपुर के रवि प्रकाश ने कहा कि छंद मर्मज्ञ जितेंद्र कमल आनंद की काव्यकृति एक अद्भुत काव्यकृति है जो कि छंद की पहचान छंदबद्ध रचना करना, काव्य लेखन के क्षेत्र में छंद की संगीतात्मकता को जीवन में उतार लेने का आग्रह करती है, यह " आनन्द छंद माला" काव्य लेखन के क्षेत्र में एक महान उपहार है। 

   इस अवसर पर कृष्ण कुमार पाठक, बिजनौर  को काव्य धारा: काव्य महारथी सम्मान, महेन्द्र पाल सिंह यादव, शाहजहांपुर  को काव्य धारा: काव्यरथी सम्मान, किरन प्रजापति दिलवारी, बरेली  को काव्य धारा: काव्य प्रज्ञा सम्मान एवं सपना दत्ता 'सुहासिनी' नोएडा  को काव्य धारा: काव्यप्रज्ञा सम्मान से सम्मानित किया गया । सपना दत्ता 'सुहासिनी' प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के संचालन के दायित्व के कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाईं ।

  छंदकार जितेन्द्र कमल आनंद ने अपना अविष्कृत व प्रकाशित 'गुरु आनंद छंद' प्रस्तुत किया -

जो आप ही करे कमाल, साधना कहो ।

जो आपको रखे सँवार, भावना कहो ।।

  डॉ महेश मधुकर ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनने का अधिकारी बताया-

सरल-सहज अति प्यारी हिंदी ।

मनभावना हमारी हिंदी ।।

बने राष्ट्र भाषा भारत की ।

हैं इसकी अधिकारी हिंदी ।।

  डॉ गीता मिश्रा 'गीत' ने इस प्रकार अभिव्यक्ति की-

हिंदू हूँ हिंद की मेरी, उर्दू भी मीत है ।

अवधी है मैथिली, मेरी ब्रज से भी प्रीत है ।।

   राम किशोर वर्मा ने हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने की बात कही -

हर युग में हिन्दी ध्वज फहरा ।

विश्व पटल पर जा अब ठहरा ।।

बने राष्ट्र की हिन्दी भाषा ।

जन-जन की है यह अभिलाषा ।।

   राजवीर सिंह 'राज' ने खूब तालियां बटोरीं-

किस विधि चित्र बनाऊँ मैं, चलती घड़ियों का ।

  डॉ अशफाक जैदी को बहुत वाह-वाही मिली-

अजनबीयत है, कभी बात भी हो जायेगी ।

ज़िन्दगी तुझसे, मुलाकात भी हो जायेगी ।।

मनोज 'मनु' ने कहा -

ज्ञान असीमित छोर है, जिसका ओर न छोर ।

 राजीव प्रखर की अभिव्यक्ति इस प्रकार रही-

साहित्य-सृजन में मनभावन रचती सोपान रही हिंदी ।

   उक्त के अतिरिक्त जसवंत कौर जस्सी (बिलासपुर -रामपुर),शिव कुमार शर्मा 'चंदन', रवि प्रकाश, ओंकार सिंह 'विवेक', सुरेन्द्र अश्क रामपुरी, धीरेन्द्र सक्सैना, प्रदीप राजपूत 'माहिर', श्री पतराम सिंह , जावेद रहीम, सुधाकर सिंह, महाराज किशोर सक्सेना (रामपुर ) , अभिषेक अग्निहोत्री व उमेश त्रिगुणायत 'अद्भुत'  (बरेली), उदय प्रकाश सक्सेना (मुरादाबाद) आदि ने भी अपनी रचनाओं से सभी को आनंदित किया । अध्यक्ष जितेन्द्र कमल आनंद ने आगंतुकों का आभार ज्ञापित किया । 












































:::::::प्रस्तुति:::;;;

राम किशोर वर्मा 

महासचिव 

अखिल भारतीय काव्यधारा, रामपुर (उ०प्र०)

मोबाइल नं०- 8433108801



2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर सफल आयोजन रहा गुरुश्री जितेन्द्र कमल आनन्द जी की पुस्तक आनन्द छंद माला भाग प्रथम नव छंद सृजन कारों को सही दिशा देने वाला है प्रेरणीय और वन्दनीय है🙏🙏🙏

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