वर्ष का दिन बड़ा,
कड़ा ताप धूप में।
21 जून मना रहे,
योग दिवस के रूप में।।
अनुलोम विलोम योग को,
जब कभी करते हैं आप।
नियत रखता है आपका,
निम्न-उच्च रक्तचाप।।
जवाब जब दे दिया,
मरीजों की जेब ने।
स्वस्थ योग से किया,
बाबा रामदेव ने।।
योग-गुरु देखते जब,
मरीजों की नब्ज को।
सबसे पहले तुड़वाते हैं,
पेट की कब्ज को।।
कब्ज ही होती बहुत,
रोगों का मूल है।
मुंह के छाले बवासीर,
चाहें पेट का शूल है।।
करो कपालभांति,
उदर विकार मुक्ति को।
रामदेव साथ हैं,
सुझाने सब युक्ति को।।
प्राणायाम करते रहो,
बुद्धि के विकास को।
लो तनाव मुक्ति को,
हास-परिहास को।।
योग करने से रोग,
जाएगा उड़ धूल-सा।
पूर्ण स्वस्थ शरीर भी,
हल्का होगा फूल-सा।।
मोदी जी थकते नहीं,
योग के प्रभाव से।
ऊबते नहीं कभी,
काम के दबाव से।।
मोदी जी को धन्यवाद,
जो विश्व में पहचान है।
अखिल विश्व कर रहा,
भारत का सम्मान है।।
यदि जड़ से ही खोना है,
आते हुए रोग को।
छोड़ सब भौतिकवाद,
अपनाओ तुम योग को।।
✍️ सुभाष चन्द्र शर्मा
सम्भल, उत्तर प्रदेश, भारत
श्री मनोज रस्तोगी जी का बहुत बड़ा प्रयास है, साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए अनन्त हार्दिक शुभकामनाएं
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