मंगलवार, 21 जून 2022

मुरादाबाद मंडल के जनपद अमरोहा की साहित्यकार प्रीति चौधरी की दोहा गीतिका


चाहो यदि संसार से, दूर हटें सब रोग।

सुबह-सुबह मिलकर करें, आओ हम सब योग।।  


नित्य नियम से जो करे, हर दिन  प्राणायाम।

त्याग देह-आलस्य को, पाये जीवन  भोग।।

                                        

जब हों  विचलित  इन्द्रियाँ,  बने ध्यान से काम।

इस मन को जो बाँधता , वही परम है जोग ।।


इस कोरोना -मार से, कैसा हुआ कमाल।

सेहत ही पूँजी बड़ी , समझ गये हैं लोग।।


प्रीति  यहाँ जब लोग सब, मन में लेंगे ठान।

नवभारत की शान तब, बन पायेगा योग।।

✍️प्रीति चौधरी

हसनपुर, अमरोहा

उत्तर प्रदेश, भारत



1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (22-06-2022) को चर्चा मंच     "बहुत जरूरी योग"    (चर्चा अंक-4468)     पर भी होगी!
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    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    
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