सोमवार, 25 अक्तूबर 2021

मुरादाबाद की साहित्यकार (वर्तमान में जकार्ता, इंडोनेशिया निवासी ) वैशाली रस्तोगी की रचना ---क्यूं निष्ठुर हो तुम इतने, क्यों छिप छिप जाते हो । धरती पर इतने चांद देख, तुम क्यों शर्माते हो ....


 

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