तेरी सीधी सरल आंखें
बहुत करती हैं छल आंखें
दिलों के दस्तावेजों में
करें रद्दो -बदल आंखें
खुशी में गीत गाती हैं
कहें गम में ग़ज़ल आंखें
तुझे देखा जो सपने में
गईं पल में मचल आंखें
नए सपनों की बस्ती में
बसी है आजकल आंखें
अगर "मासूम" मुश्किल है
तो हर मुश्किल का हल आंखें
✍️ मोनिका मासूम, मुरादाबाद
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