सोमवार, 18 अक्तूबर 2021

मुरादाबाद मंडल के गजरौला (जनपद अमरोहा )की साहित्यकार प्रीति चौधरी की ग़ज़ल ---करें मदहोश जो मुझको, हिरन जैसी विचल आँखें


 सज़ल आँखें कमल आँखें 

 लगे उसकी गज़ल आँखें 


  करें मदहोश जो मुझको

  हिरन जैसी विचल आँखें 


  नहीं उम्मीद जब कोई

  तलाशें क्या विरल आँखें 

 

 उमंगों से भरी देखों 

 चमकती अब सफल आँखें 


नहीं करना भरोसा तुम

करें हैं प्रीति  छल आँखें 

 

✍️ प्रीति चौधरी

गजरौला, अमरोहा

उत्तर प्रदेश, भारत

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