शनिवार, 16 अक्तूबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में मुम्बई निवासी ) प्रदीप गुप्ता की रचना ----दिखता रहा है मुसोलिनी तो कभी हिटलर की शक्ल में , पर अच्छाई अगर साथ में हो तो टिक नहीं पता रावण ....


 

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