सोमवार, 18 अक्टूबर 2021

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार ओंकार सिंह विवेक की ग़ज़ल ---घोर अँधियारों में से ही फूटती है रौशनी, आप क्यों नाकामियों से अपनी घबराने लगे।


 झूठ  को  जो  हम  हमेशा  झूठ  बतलाने  लगे,

इसलिए  सबके  निशाने  पर  यहाँ  आने लगे।


घोर  अँधियारों   में   से   ही  फूटती  है  रौशनी,

आप  क्यों  नाकामियों से अपनी घबराने लगे।


दे  दिया फूलों ने क़ुर्बानी का दुनिया को सबक़,

जिसने  भी मसला उसी के हाथ महकाने लगे।


जिसकी मंज़िल का पता है और न कोई रास्ता,

जाने  क्यों  ऐसे  सफ़र  पे  आदमी  जाने  लगे।


जो  कहा करते थे ख़ुद को साफ़गोई का मुरीद,

चापलूसों   से   घिरे  हमको  नज़र  आने  लगे।


गुफ़्तगू  औरों  से करना ख़ुद जिन्हें आया नहीं,

गुफ़्तगू  के सबको  वो आदाब सिखलाने लगे।

 

✍️  ओंकार सिंह विवेक, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल--9897214710

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