मंगलवार, 1 जनवरी 2019

मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष शंकर दत्त पांडे पर केंद्रित डॉ मनोज रस्तोगी का आलेख





स्मतिशेष श्री शंकर दत्त पांडे का जन्म 10 जनवरी सन 1925 ई० को नगर के मुहल्ला लोहागढ़ में हुआ। आपके पिता स्व० श्री कुंज बिहारी लाल पांडे स्थानीय प्रिन्स ऑफ वेल्स रेलवे स्कूल में अध्यापक थे।  माता जी का नाम स्व० श्रीमती चन्द्रवती देवी पांडे था। आप मूलतः अल्मोड़ा जनपद के ग्राम बल्दगाड़ (विजयपुर) पाटिया के निवासी थे।

   आपकी प्रारम्भिक शिक्षा लोहागढ़ में ही नगरपालिका के स्कूल में हुई। हाईस्कूल की परीक्षा वर्ष 1942 में राजकीय इण्टर कालेज से उत्तीर्ण की।उसके पश्चात् मद्रास में कोड़ाई केनाल स्थित अड्यार नामक स्थान में डा० मेरिया मौंटेसॉरी द्वारा आरम्भ मौंटेसॉरी शिक्षा पद्धति के ट्रेनिंग कोर्स में एक वर्ष तक ज्ञान प्राप्त किया। उसके पश्चात् आपने इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 1955 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की।

     वर्ष 1943 ई० में आपका विवाह अल्मोड़ा जिले के दनतोला ग्राम के जमींदार हरिकिशन पांडे की सुपुत्री अम्बिका देवी पांडे के साथ हुआ । आपके चार पुत्र रमेश चन्द्र पांडे, नरेश चन्द्र पांडे, सुरेश चन्द्र पांडे, मधुकर पांडे और एक पुत्री शशिप्रभा पांडे उप्रेती हैं।

     वर्ष 1946 से 1963 तक आप शिवसुन्दरी मौंटेसॉरी स्कूल के संस्थापक सहायक निर्देशक रहे । वर्ष 1963 से आप केसीएम स्कूल में चले गये । जहाँ से वर्ष 1978 में प्रबन्ध तंत्र द्वारा मतभेद के कारण आपको हटा दिया गया। 

       लेखन की शुरूआत छठी कक्षा में अध्ययन  के दौरान हुई । उनके काव्य गुरु मास्टर रामकुमार ख्यालबाज थे । आपने हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू तीनों भाषाओं में  विपुल साहित्य की रचना की । बाल साहित्य, काव्य, कहानी, उपन्यास, नाटक, संस्मरण, निबंध, और अनुवाद आपके लेखन की प्रमुख विधाएं रहीं ।

       आपकी प्रकाशित कृतियों में काव्य संग्रह झलक, बाल कहानी संग्रह, लाल फूलों का देश, बारह राजकुमारियाँ, पीला देव, जादू की अंगूठी, रोम का शिशु नदेश, जादू का किला उल्लेखनीय हैं। आपकी अप्रकाशित कृतियाँ शेष पथ कैसे कटेगा, स्वप्न जो तुमने दिया, मधु ऋतु चली गयी, कामना के उपवनों में वर्तिका, अमृता, महावर कौन, स्वप्न और स्मृति (सभी काव्य), उपेक्षा के अक्षत, व्यथा उर्मियों की, संवेदना के दर्द,सौन्दर्य का आचमन , रेत पर जमती नहीं भीत( सभी गय काव्य), थाने के बादामी रजिस्टर, बहारों का पतझड़, स्मृतियों के पराग, सुहागिन विधवा, साधना का दीप, पिंजड़ा, हमराही तथा न्याय की प्रतीक्षा ( सभी कहानी संग्रह), विष के घूंट, पूरन की चौपाल, रेत पर लिखे कथानक, फूल की विस्तृत गंध तथा मैं तुम्हारे साथ (सभी उपन्यास) यादों के मजार व चंद धुंधली तस्वीरें (संस्मरण) उल्लेखनीय हैं।

       आपकी अनेक रचनायें देशदूत (इलाहाबाद),  वीर अर्जुन (दिल्ली), नवयुग (दिल्ली), सज्जन (कलकत्ता), आदर्श कौमुदी (नजीबाबाद), कलामंच (मुरादाबाद), रंगीला मुसाफिर (सहारनपुर), अरुण (मुरादाबाद), भारत (इलाहाबाद), बालक (पटना), बालभारती (नई दिल्ली), देश बालक (मुरादाबाद), धर्मवीर (मुरादाबाद), नेशनल हेरालड (लखनऊ), इलेस्ट्रेड बीकली ऑफ इंडिया (बम्बई), बाई मैगनीज ऑफ इंडिया (मद्रास), ओरियंट इलेस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इण्डिया (कलकत्ता) आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं। इसके अतिरिक्त साझा काव्य संकलनों प्रेरणा के दीप, काव्य धारा, 31 अक्टूबर के नाम, अनारकली एवं प्रणय- गाथा में भी आपकी रचनायें संगृहीत हैं। आकाशवाणी के रामपुर केंद्र से भी आपकी रचनाओं का प्रसारण होता रहा।

        मुरादाबाद की विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से भी आप जुड़े रहे । राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति मुरादाबाद द्वारा आपका राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन जन्मशती समारोह के अवसर पर आपका नागरिक अभिनन्दन भी किया गया। 

     दीपावली  12 नवम्बर 2004 को साहित्य का यह जगमगाता दीप बुझ गया। 

       


✍️  डॉ मनोज रस्तोगी

 8, जीलाल स्ट्रीट

 मुरादाबाद 244001

 उत्तर प्रदेश, भारत

 मोबाइल फोन नम्बर 9456687822

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