मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम के तत्वावधान में दिल्ली रोड मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इण्टर कालेज के सभागार में रविवार छह नवंबर 2022 को काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अशोक विश्नोई ने कहा...
मन में सुन्दर स्वप्न सजाएं।
हर असमंजस दूर भगाएं।
घोर निराशा के तम में सब।
आओ आशा दीप जलाएं।
मुख्य अतिथि कवि शिशुपाल मधुकर ने अपनी अनेक जनवादी कविताएं प्रस्तुत की । उन्होंने कहा ....
कांटों की दहशत
नहीं छुड़वा सकी।
फूलों का मुस्कराना
इसी सोच में
कांटे सूखते चले गये।
विशिष्ट अतिथि के रुप में ग़ज़लकार ओंकार सिंह ओंकार ने कहा ....
इतनी इच्छाएं बढ़ा लीं अब खुशी के नाम पर।
सुख से रहते ही नहीं है सादगी के नाम पर।
काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए संस्था के महासचिव जितेन्द्र कुमार जौली ने हास्य कविता प्रस्तुत की-
गाड़ी में बैठाकर ले गये हमको,
हथकड़ियों में जकड़ा गया।
बिना लाइसेंस कविताएं सुनाता था,
इसलिए पकड़ा गया।
संस्था के अध्यक्ष रामदत्त द्विवेदी ने सुनाया-
कौन मन का मीत पंथी, कौन मन का मीत ये।
एक पल मिलना बिछड़ना ही जगत की रीत रे।
कवि रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने सुनाया-
हर कदम पर बिछा छद्म का जाल है।
ओढ़ ली वक ने गिरगिटी खाल है।
भीड़ में खोते जा रहे हैं, नामी यहां।
आंख के सामने ही ओझल भाल है।
कवि विकास मुरादाबादी ने कविता सुनाई-
मैं नहीं कहता गगन में मत उड़ो तुम।
जो दिशा भाये उधर को ही मुड़ो तुम।
लोग पशुओं से भी बद्तर हैं जमीं पर।
कितना अच्छा हो कि इनसे भी जुड़ो तुम।
डॉ मनोज रस्तोगी ने भ्रष्टाचार पर व्यंग्य करते हुए सुनाया-
भाई साहब,
इसका तो हर कोई शिकार है,
इसके खिलाफ आप कहां जायेंगे।
जहां जायेंगे इसे पायेंगे।
नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने सुनाया-
आज फिर अख़बार की ये सुर्ख़ियाँ हैं।
गाँव सहमे-से डरी-सी बस्तियाँ हैं।
चिट्ठियाँ तो हो गई हैं गुमशुदा अब।
याद करने को बची बस हिचकियाँ हैं।
कवयित्री इन्दु रानी ने सुनाया-
गोमुख से हो अवतरित ,बहे चली हरिद्वार।
बन प्रयाग में त्रिवेणी,देती पाप उतार।
लहराती शीतल करे,खेत और खलिहान।
हिन्द के तल पर बहती, बढ़ा रही है मान।
आभार संस्था के अध्यक्ष रामदत्त द्विवेदी ने अभिव्यक्त
किया।
:::::::प्रस्तुति:::::::
जितेन्द्र कुमार जौली
महासचिव
हिन्दी साहित्य संगम
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल - 8279374790
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