शिक्षक जी बच्चों से पूछे,
फिर से एक सवाल।
चंद्रग्रहण कैसे-क्यों पड़ता,
बतलाओ तत्काल।
गप्पू जी ने हिम्मत करके,
सर जी को बतलाया ।
चाँद चमकता है,सूरज से,
तुमने हमें बताया ।
सर जी बोले सही पकड़े हो,
पर आगे बतलाओ ।
चंद्रग्रहण की सारी घटना,
जल्दी से समझाओ।
सूर्य-चंद्रमा में भी तो सर!,
झगड़ा होता होगा।
सूरज न देता प्रकाश, तब,
चंदा रोता होगा।
उस दिन सर जी हमें रात में,
चाँद न जब दिख पाता।
समझो सर जी उसी रात में,
चंद्रग्रहण पड़ जाता।
सारी कक्षा ही-ही करके,
गप्पू पर थी हँसती।
शिक्षक जी ने डाँटा सबको,
करो न इतनी मस्ती।
कुछ तो कोशिश करता गप्पू ,
कुछ तो हमें बताता।
सूर्यप्रकाश से चाँद चमकता,
गप्पू सही फरमाता।
सुनो ध्यान से पूरी कक्षा,
देखो मैं समझाऊं।
चंद्रग्रहण की पूरी घटना,
मे तुमको बतलाऊं।
जब पृथ्वी सूरज-चंदा के,
ठीक मध्य में आती।
तब सारी किरणें सूरज की,
भू तक पहुंच न पाती।
अरु पृथ्वी की छाया बच्चो!
चंदा पर पड़ जाती।
यह खगोलिय घटना गप्पू !,
चन्द्रग्रहण कहलाती।
पूर्णिमा है वो तिथि बच्चो!,
जब ऐसा होता है।
न सूरज लड़ता चंदा से,
न चंदा रोता है।
✍️ दीपक गोस्वामी 'चिराग'
शिवबाबा सदन, कृष्णाकुंज,
बहजोई-244410 (संभल)
उत्तर प्रदेश, भारत
मो. 9548812618
ईमेल-deepakchirag.goswami@gmail.com
बेहतरीन प्रयास के लिए साधुवाद ! इसे जारी रखिये - आइवर यूशिएल http://bit.ly/3sLJ0zc
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