मंगलवार, 8 नवंबर 2022

मुरादाबाद मंडल के बहजोई (जनपद संभल) के साहित्यकार दीपक गोस्वामी चिराग की बाल कविता ....चंद्रग्रहण


शिक्षक जी बच्चों से पूछे,

फिर से एक सवाल। 

चंद्रग्रहण कैसे-क्यों पड़ता, 

बतलाओ तत्काल। 


गप्पू जी ने हिम्मत करके, 

सर जी को बतलाया ।

चाँद चमकता है,सूरज से,

तुमने हमें बताया ।


सर जी बोले सही पकड़े हो,

पर आगे बतलाओ ।

चंद्रग्रहण की सारी घटना,

जल्दी से समझाओ।

 

सूर्य-चंद्रमा में भी तो सर!,

झगड़ा होता होगा। 

सूरज न देता प्रकाश, तब,

चंदा रोता होगा। 


उस दिन सर जी हमें रात में,

चाँद न जब दिख पाता।

समझो सर जी उसी रात में,

चंद्रग्रहण पड़ जाता। 


सारी कक्षा ही-ही करके,

गप्पू पर थी हँसती। 

शिक्षक जी ने डाँटा सबको,

करो न इतनी मस्ती। 


कुछ तो कोशिश करता गप्पू ,

कुछ तो हमें बताता।

सूर्यप्रकाश से चाँद चमकता,

गप्पू सही फरमाता। 


सुनो ध्यान से पूरी कक्षा, 

देखो मैं समझाऊं। 

चंद्रग्रहण की पूरी घटना, 

मे तुमको बतलाऊं।


जब पृथ्वी सूरज-चंदा के,

ठीक मध्य में आती। 

तब सारी किरणें सूरज की, 

भू तक पहुंच न पाती।


अरु पृथ्वी की छाया बच्चो!

चंदा पर पड़ जाती। 

यह खगोलिय घटना गप्पू !,

चन्द्रग्रहण कहलाती।

 

पूर्णिमा है वो तिथि बच्चो!,

जब ऐसा होता है। 

न सूरज लड़ता चंदा से, 

न चंदा रोता है।


✍️ दीपक गोस्वामी 'चिराग' 

शिवबाबा सदन, कृष्णाकुंज,

बहजोई-244410 (संभल) 

उत्तर प्रदेश, भारत

मो. 9548812618 

ईमेल-deepakchirag.goswami@gmail.com

1 टिप्पणी:

  1. बेहतरीन प्रयास के लिए साधुवाद ! इसे जारी रखिये - आइवर यूशिएल http://bit.ly/3sLJ0zc

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