शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार ओंकार सिंह ओंकार की गजल - जहर नफरत का जो इंसान के लहू में घोलें ऐसे नागों से अब इंसान को बचाया जाए


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