रविवार, 16 फ़रवरी 2020

डॉ रीता सिंह की काव्यकृति वीरों का वंदन का लोकार्पण

पुलवामा में शहीद हुए जवानों के प्रथम बलिदान दिवस पर उनको समर्पित कवयित्री डॉ रीता सिंह द्वारा रचित काव्य संग्रह "वीरों का वंदन"का विमोचन शुक्रवार 14 फरवरी 2020 को चन्दौसी में दर्जा राज्यमंत्री सूर्य प्रकाश पाल ,जिलाधिकारी संभल अविनाश कृष्ण सिंह,नवगीतकार  माहेश्वर तिवारी ,डॉ महेश दिवाकर, रूप किशोर गुप्ता , डॉ महेश दिवाकर, जितेंद्र कमल आनन्द, डॉ मनोज रस्तोगी, डॉ अर्चना गुप्ता, डॉ मक्खन मुरादाबादी, डॉ डीएन शर्मा, पंकज दर्पण , डॉ अजय अनुपम आदि ने किया । इस मौके पर अमर वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए ।
 प्रख्यात साहित्यकार माहेश्वर तिवारी की अध्यक्षता  तथा डॉ सौरभ कांत शर्मा के संचालन  में आयोजित कार्यक्रम में कवयित्री डॉ रीता सिंह का परिचय कार्यक्रम संयोजक डॉ टी एस पाल ने प्रस्तुत किया।
 मुख्य अतिथि  राज्य निर्माण सहकारी संघ के सभापति सूर्य प्रकाश पाल ने कहा कि एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ के सैनिकों पर आतंकी हमला किया गया जिसमें हमारे 40 जवान शहीद हुए, इसका बदला भारत सरकार ने 13 वें दिन दुश्मनों के घर में घुसकर तीन सौ से ज्यादा आतंकी एयर स्ट्राइक से मार गिरा कर लिया और यह साबित कर दिया कि देश के सम्मान के साथ कोई समझौता,हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
   विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कहा कि देश के अमर "वीरों का वंदन" काव्य कृति का प्रत्येक पाठक अपने देश एवं सेना पर गर्व महसूस करेगा। पुस्तक की समीक्षा  डॉ शिखा बंसबाल,अवध किशोर शर्मा,राजीव प्रखर प्रस्तुत की। डॉ रीता सिंह ने काव्यपाठ करते हुए कहा
 "वीरों का वंदन माथे का चन्दन,आओ करें नमन इनको करें नमन।सीमा के प्रहरी माने नहीं थकन,लाते सदा अमन इनको करें नमन"।
धामपुर से आये राजेश कुमार ने कहा --
"दिलों में हमेशा हमारे रहेंगे,जो अपने वतन को सँवारे रहेंगे"।नैनीताल से आये सत्यपाल सिंह सजग ने कहा- "रंगा वीरों के लहू बसंत,शोक लहरों का दिखे न अंत,रंगा वीरों के लहू बसंत"।मुरादाबाद की डॉ अर्चना गुप्ता ने कहा- "कलम तुम गाओ उनके गान,तिरंगे की जो रखते आन",।
   डॉ पंकज दर्पण ने "अगर पीठ पर वार करेगा,मुँह की हमसे खायेगा।जिसने भी अपराध किया है,अंत समय पछतायेगा"।डॉ टी एस पाल ने "देख जवानों की कुर्बानी,आज तिरंगा भी रोया है।सुरक्षा बल का लहू देश में,वहशत के हाथों खोया है"।हरीश कठेरिया ने "जहाँ चाह है वहाँ राह है,सदियो से सुनते आते हैं।बढ़ते क़दमों को तूफाँ भी रोक भला कहाँ पाये है"
   डॉ जय शंकर दुवे ने "जिनको अपनी मातृभूमि पर,रहा सदा ही है अभिमान।धीर-वीर सुत जननी के ही,पाते हैं जग में सम्मान"। हिमांशी शर्मा ने "है कसम अपने ही बाँकपन की हमें,लाज रखनी  है अपने वतन की हमें।
   इसके अतिरिक्त रूप किशोर गुप्ता, मक्खन मुरादाबादी, डॉ अजय अनुपम ,सुखपाल कौर,  कुशाग्र चौहान , डॉ डीएन शर्मा, अनिल सारस्वत,राजकुमार चौहान, विवेक कुमार, डॉ मनोज रस्तोगी डॉ अनुपम गुप्ता आदि ने काव्य पाठ एवं विचार व्यक्त किये ।
     कार्यक्रम में मुरादाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार केपी सिंह सरल, श्री कृष्ण शुक्ल, रविशं










कर रवि, रामेश्वर सिंह,हेमेन्द्र सिंह, मीनाक्षी सागर, शुभम अग्रवाल, संजय सैनी, तरुण नीरज, सुधीर मल्होत्रा,डॉ अनुपम गुप्ता,शालिनी शर्मा, संगीता भार्गव, डॉ अलका अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

:::::::::प्रस्तुति:::::::::
डॉ मनोज रस्तोगी
8, जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9456687822

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