बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार नृपेंद्र शर्मा सागर की लघुकथा .....प्रेम


"क्या आप अब मुझे बिल्कुल प्रेम नहीं करते बाबू? कितने दिन से आपने मुझे एक भी गिफ्ट नहीं दिया है।" लड़की ने अदा से इठलाते हुए लड़के की आँखों में देखते हुए पूछा।

 "प्रेम!!! मुझे लगता है मैं इतना महंगा प्रेम अफोर्ड करने की  हैसियत ही नहीं रखता बेबी। अगर हमेशा महंगे गिफ्ट देना ही प्रेम है तो सच में मैं तुमसे प्रेम नहीं करता क्योंकि मैं व्यापारी नहीं हूँ।" लड़के ने लड़की को खुद से अलग करते हुए कहा और सिर उठाकर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया।

✍️नृपेंद्र शर्मा "सागर"

ठाकुरद्वारा

उत्तर प्रदेश, भारत

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