आज सुबह ग्यारह बजे से मीटिंग थी इसलिए रवि सुबह से फाईल दो बार पढ़ चुका था। अभी छह माह पूर्व ही उसे समाज कल्याण विभाग में अधिकारी की नियुक्ति मिली थी। नया जोश था। बहुत कुछ बदलने की इच्छा भी थी और वह इसके लिए प्रयास भी करता था। अपने कार्यालय में कई बाबुओं को वह नोटिस भी जारी कर चुका था।
डीएम साहब ने आज उसे मीटिंग के लिए बुलाया था। वह तैयार हो कर डीएम साहब के कार्यालय पहुंचा। पता चला साहब राउंड पर निकले हैं लगभग एक घंटे में वापसी होगी। उसे मजबूरन बैठकर इंतजार करना पड़ा।डीएम साहब ने आते ही गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बोले,"रवि बढ़िया कर रहे हो। सब काम दुरस्त होना अच्छी बात है।"
वह गदगद हो गया और बोला ,"सब आपका आशीर्वाद ..... मार्गदर्शन है"।
डीएम बोले, "नियम पालन करवाओ मगर भाई, सुरेश ! अरे, वही जो प्रधान लिपिक है , मेरे गांव के नाते साला लगता है, पर जरा हल्का हाथ रखना। अब उसे कोई नोटिस जारी मत करना वरना मुझे घर में सुनने को मिलेगा" कहकर हँस दिये।वह बोला ,"जी सर "। बाहर आकर गाड़ी में फाईल पटक दी। सारी तैयारियां धरी रह गयीं। व्यक्तिगत काम को सरकारी मीटिंग में बदलना अब उसे समझ में आ रहा था। वह भारी मन से अपने आफिस की ओर चल दिया।
✍️ डॉ.श्वेता पूठिया
मुरादाबाद
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