आजा प्यारी गौरैया हम तुझको नहीं सतायेंगे।
दाने डाल टोकरी में अब तुझको नहीं फँसायेंगे।
छत पर दाना पानी रखकर हम पीछे हो जाएंगे।
छोटे छोटे घर भी तेरे फिर से नए बनाएंगे।
आजा प्यारी गौरैया अब तुझको नहीं सतायेंगे।।
हुई ख़ता क्या नन्हीं चिड़िया जो तू हमसे रूठ गयी।
या तू जाकर दूर देश में अपना रस्ता भूल गयी।
एक बार तू लौट तो आ हम सच्ची प्रीत निभाएंगे।
दूर से तुझको देख देखकर अब हम खुश हो जाएंगे।
आजा प्यारी गौरैया हम तुझको नहीं सतायेंगे।।
चीं चीं करती छोटी चिड़िया याद बहुत तू आती है।
जब कोई तस्वीर किताबों में तेरी दिख जाती है।
एक बार तू वापस आ हम फिर से रंग जमाएंगे।
सुंदर सी तस्वीर तेरी हम फिर से नई बनाएंगे।
आजा प्यारी गौरैया हम तुझको नहीं सतायेंगे।।
✍️ नृपेंद्र शर्मा "सागर"
ठाकुरद्वारा
उत्तर प्रदेश, भारत
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