सोमवार, 21 नवंबर 2022

मुरादाबाद की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं कला संस्था 'संकेत' के रजत जयंती समारोह में साहित्यकार डॉ प्रेमवती उपाध्याय , श्रीकृष्ण शुक्ल, प्रेमचंद प्रेमी, ओंकार सिंह विवेक एवं मीनाक्षी ठाकुर को किया गया सम्मानित

मुरादाबाद की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं कला संस्था 'संकेत' का रजत जयंती समारोह रविवार 20 नवम्बर 2022 को रामगंगा विहार स्थित एमआईटी सभागार में आयोजित किया गया। वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए समारोह में डॉ प्रेमवती उपाध्याय (मुरादाबाद), श्रीकृष्ण शुक्ल(मुरादाबाद), प्रेमचंद प्रेमी (धामपुर), ओंकार सिंह विवेक (रामपुर) एवं मीनाक्षी ठाकुर (मुरादाबाद) को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। 

   सम्मान स्वरूप संस्था की ओर से उन्हें अंग वस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न एवं पुस्तक प्रदान की गई। सागर तरंग प्रकाशन की ओर से उपरोक्त पांचों सम्मानित रचनाकारों की रचनाओं के साझा संकलन " साधना के पथ पर " का विमोचन भी  किया गया। सभी पाॅंचों सम्मानित रचनाकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेख प्रो ममता सिंह, राजीव प्रखर, दुष्यंत बाबा, पूजा राणा, एवं मयंक शर्मा द्वारा प्रस्तुत किए गये। इस अवसर पर सम्मानित पांचों साहित्यकारों ने रचना पाठ भी किया। 

समारोह की अध्यक्षता करते हुए सुधीर गुप्ता  (चेयरमैन एमआईटी, मुरादाबाद) ने कहा...  "सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कला के क्षेत्र में संकेत द्वारा किया गया योगदान सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। साहित्यकारों पर यह दायित्व है कि वे समाज को निरंतर सही दिशा में आगे बढ़ाते रहें।"

  मुख्य अतिथि डॉ विशेष गुप्ता (पूर्व अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश) का कहना था - 'संकेत' ने अपने विभिन्न आयामों से  समाज को रास्ता दिखाने का उल्लेखनीय कार्य किया है जो भविष्य में सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगा।"

  विशिष्ट अतिथि के रूप में दयानंद डिग्री कॉलेज के प्रबंधक उमाकांत गुप्ता ने कहा "सामाजिक उत्थान में संकेत की भूमिका निश्चित रूप से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरित करेगी।"

   डॉ महेश 'दिवाकर' (अध्यक्ष अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच) ने कहा ..

 "कहा-अनकहा सब कहें, कविगण करें सचेत। 

अद्भुत गति साहित्य की, बता दिया संकेत।"

   विशिष्ट अतिथि बाल-साहित्यकार राजीव सक्सेना ने विचार रखते हुए कहा - "संकेत का समाज को बेहतर बनाने और नगर के साहित्यिक व सांस्कृतिक परिदृश्य को परिष्कृत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उसने सफलतापूर्वक अपनी भूमिका का निर्वहन किया है।"

   संस्था की स्थापना एवं गतिविधियों पर आधारित आलेख का वाचन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी द्वारा किया गया। काले सिंह साल्टा ने काव्य पाठ किया। 

 समारोह में वरिष्ठ कवयित्री डॉ पूनम बंसल, नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम, अमर सक्सेना,  पूजा राणा,  सरिता लाल, सुनील ठाकुर, रामसिंह निशंक, इंदु रानी, डॉ प्रीति हुंकार, नकुल त्यागी,  रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, डॉ मधु सक्सेना, डॉ मीरा वैश्य, शिवओम वर्मा, रवि चतुर्वेदी, राशिद हुसैन, अभिव्यक्ति सिन्हा, रघुराज सिंह निश्चल, ओंकार सिंह ओंकार आदि साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। समारोह का संचालन संस्था के अध्यक्ष अशोक विश्नोई ने किया तथा संयोजन राजीव प्रखर एवं दुष्यंत बाबा का रहा।  संस्था के महासचिव शिशुपाल 'मधुकर' ने आभार-अभिव्यक्त किया। 








































4 टिप्‍पणियां: