शुक्रवार, 3 सितंबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार फक्कड़ मुरादाबादी की व्यंग्य कविता ---- आजादी का हीरा


कल कोठी के कुत्ते ने 

सड़क पर चलते कुत्ते को रोका 

व्यंग भरे अंदाज में टोका 

और बोला तू कहे तो मालिक से

 बात करूं

 मस्ती मौज उड़ाना

 दूध मक्खन ब्रेड खाना

 कभी-कभी मिलेगा शानदार गोश्त 

बदल जाएगी तेरी सोच 

मालकिन प्रातः काल घुमाने ले जाएगी 

कीमती साबुन से नहलायेगी

मिलेगा मालिक का प्यार 

जीवन का हो जाएगा उद्धार

 पूरी बात सुन सड़क का कुत्ता बोला 

मैं कमजोर ही सही

 तू दिख रहा है हट्टा कट्टा 

कभी शीशे में जा कर देख 

 गले में पड़ा हुआ पट्टा 

मैं पालतू के नाम से बदनाम नहीं हूं 

कमजोर जरूर हूं गुलाम नहीं हूं

रूखा सूखा खाकर भी रहता हूं मस्त 

कभी इस गली में कभी उस गली में 

रहता हूं व्यस्त

 रात को गश्त करती पुलिस 

जब मुझे भौंकता देखती है 

कहीं कोई अनहोनी तो नहीं

 फौरन निगाहें फेंकती है 

यह सही है तेरे पास सब कुछ है

परंतु मेरी निगाह में तेरे जीवन की बर्बादी है 

यह तेरी खुशियां तुझे ही मुबारक 

मेरे पास सबसे कीमती हीरा

 मेरी आजादी है।।

✍️ फक्कड़ मुरादाबादी, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश,भारत , मोबाइल फोन नम्बर- 9410238638

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