सोमवार, 13 सितंबर 2021

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से 13 सितंबर 2021 को साहित्यकार डाॅ. महेश 'दिवाकर' को किया गया "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान" से सम्मानित

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या सोमवार 13 सितंबर 2021 को सुप्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ. महेश 'दिवाकर' को "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान" से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र, मानपत्र, श्रीफल एवं प्रतीक चिह्न भेंट किये गये। सम्मान-समारोह मिलन विहार स्थित मिलन धर्मशाला में आयोजित किया गया। राजीव प्रखर द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने की। मुख्य अतिथि  बृजेश कुमार तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अशोक विश्नोई एवं बदायूं के रचनाकार राम कृपाल तिवारी मंचासीन हुए। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से राजीव प्रखर एवं जितेन्द्र कुमार जौली द्वारा किया गया।

डाॅ. महेश 'दिवाकर'  के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेख का वाचन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं रचनाकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा साहित्य भूषण सम्मान सम्मानित डॉ. महेश ‘दिवाकर’  हिन्दी के उन्नयन एवं संवर्द्धन के लिए पूर्णतया समर्पित हैं।  उनकी कृतियों में दो शोध ग्रन्थ, दस समीक्षा-शोधपरक ग्रन्थ, दो साक्षात्कार ग्रंथ,दो नयी कविता संग्रह, दो गीत संग्रह,आठ मुक्तक एवं गीति-संग्रह, सात खण्ड काव्य, तेरह यात्रा-वृत्त, दो संस्मरण एवं रेखाचित्र संग्रह उल्लेखनीय हैं। आपका साहित्य लोकधारा नाम से ग्यारह खंडों में प्रकाशित हो रहा है इसके प्रथम पांच खंड प्रकाशित हो चुके हैं, शेष प्रकाशन प्रक्रिया में हैं । सम्मान-पत्र का वाचन जितेन्द्र कुमार जौली ने किया। 

 कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए सम्मानित साहित्यकार डाॅ. महेश 'दिवाकर' ने कहा-– 

"हिन्दी भाषा राष्ट्र की, करती युग सम्मान ।

सकल विश्व का भूल से, करें नहीं अपमान।।

मुख्य अतिथि  बृजेश कुमार तिवारी ने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है| अतः हमें इसका सम्मान उसी भांति करना चाहिए जिस तरह हम अपनी मां का सम्मान करते हैं|

योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई ने कहा कि अपनी मातृभाषा का सम्मान करके हमें प्रसन्नता तथा स्वाभिमान का अनुभव होना चाहिए|

अशोक विश्नोई ने कहा कि हिन्दी की गाथा गाते हैं परंतु हिन्दी के विषय में केवल 14 सितम्बर को ही हम अपनी भावना को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि हम हिन्दी में कार्य करें| हिन्दी हमारी मातृभाषा है, हमें इसके प्रति समर्पित रहना चाहिए|

कार्यक्रम में योगेन्द्र वर्मा व्योम, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, राम सिंह नि:शंक, राम कृपाल तिवारी, मनोज रस्तोगी, रामदत्त द्विवेदी, ओंकार सिंह ओंकार आदि उपस्थित रहे। संस्था के अध्यक्ष श्री रामदत्त द्विवेदी द्वारा आभार-अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुँचा।















::::::प्रस्तुति::::::

 जितेन्द्र कुमार जौली

महासचिव

हिन्दी साहित्य संगम, मुरादाबाद

मोबाइल-9358854322

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