बुधवार, 8 सितंबर 2021

मुरादाबाद मंडल के शाहपुर खेड़ी (जनपद बिजनौर) स्थित श्री ओम शिक्षा संस्थान इंटर कालेज में सात सितंबर 2021 को आयोजित कविसम्मेलन ----

नयी शिक्षा नीति के तहत भविष्य के दृष्टिगत आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के तहत श्री ओम शिक्षा संस्थान इंटर कालेज शाहपुर खेड़ी बिजनौर में  मंगलवार सात सितंबर 2021 को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।

 कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मुरादाबाद वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी जी ने कोरोना काल के संदर्भ में मुक्तक प्रस्तुत करते हुए कहा -----

सुन रहे यह साल आदमखोर है।

हर तरफ चीख दहशत शोर है।

मत कहो यह वायरस जहरीला बहुत,

आदमी ही आजकल कमजोर है।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पधारे वैज्ञानिक डॉ सत्य प्रकाश पांडेय ने संचालन करते हुए कहा ---

 तन नहीं खास यह मेरा!

कितने दिन का है साथी!

बस भाव रख रहा यह ही!

तुम दीप बनो मै बाती!

विद्यालय की प्रबन्धक एवं संयोजिका कवयित्री रचना शास्त्री ने कहा ---

बांसुरी संभालो राधिके!

अखिल विश्व का तुमको

भार सौंपता हूं।

बिजनौर से आईं कवयित्री सुमन चौधरी जी ने राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत रचना प्रस्तुत करते हुए कहा--- 

देश प्रेम लहू बनकर धमनियों में बहना चाहिए।

कट जाए मस्तक मेरा सिर झुकना नहीं चाहिए।

धामपुर से पधारे प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अनिल शर्मा 'अनिल' ने कहा-

ऐ!वतन के लाडलों

कर कड़ा प्रहार दो।

एक ही प्रहार में 

शत्रुओं को मार दो।

मुरादाबाद से पधारे प्रसिद्ध कवि राजीव प्रखर ने अपने अनेक मुक्तक प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा-

निराशा ओढ़ कर कोई, न वीरों को लजा देना।

नगाड़ा युद्ध का तुम भी, बढ़ा कर पग बजा देना।

तुम्हें सौगंध माटी की अगर मैं काम आ जाऊं,

बिना रोये प्रिये मुझको, तिरंगों से सजा देना।

नजीबाबाद की वरिष्ठ कवयित्री नीमा शर्मा ने अपने ओजस्वी स्वर में रचनापाठ करते हुए समां बांध दिया । उन्होंने कहा-

तुम स्वर्णिम युग की नारी हो।

दुश्मन से ना डर पायी हो।

शेरकोट से पधारीं कवयित्री शुचि शर्मा  ने कहा-

समंदर पार करके जब हवा पूरब से आती है।

अचानक रात को उठकर मैं खिड़की खोल देता हूं।

यहां पूछा है कितनी बार मेरा नाम लोगों ने,

मैं अचानक ही अपना नाम भारत बोल देता हूं।

चांदपुर से आईं कवयित्री उर्वशी कर्णवाल जी ने कहा-

बने यह घुल चंदन हृदय मेरा शिवाला हो।

चढ़ाऊं भाव के मोती यहां पूजन निराला हो।

जले बस घी भरा दीपक नहीं ऐसी मिली शिक्षा।

न चाहूं देवता होना,मनुजता की वरूँ भिक्षा।

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच नजीबाबाद से पधारे ओज के प्रसिद्ध कवि कपिल जैन ने पढ़ा-

भारतमाता के चरणों को धाम बनाकर रखते हैं।

अमर तिरंगे को अपना अभिमान बनाकर रखते हैं।

रोम रोम में राष्ट्र भक्ति का जज्बा रखने वाले हम,

अपने दिल में पूरा हिंदुस्तान सजाकर रखते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आकाशवाणी  नजीबाबाद से पधारे कृष्ण अवतार वर्मा ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि विद्यालयों में इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति अभिरुचि पैदा होती है । विद्यालय के प्रधानाचार्य आदरणीय लालबहादुर शास्त्री  ने सभी साहित्यकारों का सम्मान आभार व्यक्त किया।







































:::::::::::प्रस्तुति::::::

रचना शास्त्री 

प्रबन्धक

श्री ओम शिक्षा संस्थान इंटर कालेज

शाहपुर खेड़ी, बिजनौर

उत्तर प्रदेश, भारत

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