रविवार, 26 दिसंबर 2021

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल निवासी साहित्यकार सुभाष चंद्र शर्मा का गीत ----है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में


 मां वाणी को प्रणाम करें, वे निवास करें सबके सुर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।

अलंकार से हो अलंकृत, हिंदी भाषा का अंग-अंग।

हम हिंदी के हिंदी हमारे, रहे सदा ही संग-संग।।

कभी अलग न होवे हमसे, सदा बसे अन्तःपुर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।

हिंदी के प्रकाश में दुनियां, नियमित आगे बढ़ें सदा।

हिंदी भाषी ही फिल्मों में, कलाकार की दिखे अदा।।

हिंदी के शब्दों का संगम, संगीत बजे फिर नूपुर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।

सूर कबीर तुलसी का परिश्रम, केशव का प्रयास अथक।

रसखान जायसी हिंदी सुत हैं, है इसमें न कोई शक।।

कविता की रसधार दीखती, भूषण और रत्नाकर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।

एक अटूट विश्वास हो, हिंदी हो सब भाषाओं की नायक।

रोजगार से जोड़ सभी को, बन जाएगी अर्थ सहायक।।

प्रदान करे ये विद्वानों को, धन दौलत मात्रा प्रचुर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।

आश्वस्त हैं हिंदी भाषी, एक दिन ऐसा भी ठहरेगा।

हिंदी भाषा का यह परचम, अखिल विश्व पर भी फहरेगा।।

बने आस्था जन-जन की, हिंदी गौ-गंगा-भूसुर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।

छोटी सी कविता लिखकर मैं, डूब रहा हूं अहंकार में।

ज्ञान शून्य अल्पज्ञ सर्वदा, रस छंद और अलंकार में।।

अंतिम इच्छा हिंदी सेवा, बाद बसें फिर सुरपुर में।

है मेरी अभिलाषा अविरल, हो हिंदी सबके उर में।।


✍️ सुभाष चंद्र शर्मा 

मोहल्ला-बरेली सराय, प्रेमशंकर वाटिका गेट 2, सम्भल, उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल नंबर-9761451031

4 टिप्‍पणियां:

  1. 🙏🙏🙏🙏आप तो पहले से प्रखात मानव और ब्राह्मणवादी रहे है ।
    और inter college me prancipal के पद पर रहते हुए शिक्षा विभाग में हमेशा बहुत बहुत ज्यादा अच्छी सराहनीय प्रयास करें हैं ।
    🙏🙏🙏

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  2. आभार आदरणीय डाक्टर रविकांत गौड़ जी

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