वह पढ़ने लिखने में
बहुत अटकता था
सबकी आंखों में खटकता था
शर्मिंदगी से बचने को
घर के काम में
हाथ बंटाने लगा
धीरे धीरे
पूरे घर का खाना बनाने लगा
कुछ दिन बाद उसके मामा ने
एक साबुन कंपनी में लगा दिया
उसने घर घर जाकर
साबुन बेचने का काम किया
इसी बीच देश में
भ्रष्टाचार का विकास हो गया
और वह कम पढ़कर भी
हाई स्कूल,इंटर, बी ए, बी टी सी
पास हो गया
आज वह
सफल प्राइमरी टीचर है
और उसकी घुसपैठ
सभी बड़े
शिक्षा अधिकारियों के भीतर है
उसका निरंतर
गुणगान किया जाता है
हर बात में
उसका उदहारण दिया जाता है
मिड डे मील वाला ना हो
तो खुद खाना बना लेता है
प्रधान से लेकर बच्चों तक
सबको खिला देता है
किसके घर में कितने बच्चे है
स्कूल जाते है या नही
जब सरकार ने यह सर्वे करवाया
उसने अपने
मार्केटिंग अनुभव का लाभ उठाया
अगले ही दिन
पूरी लिस्ट बना लाया
जनगणना हो, बी एल ओ दायित्व हो
या हो पोलियो अभियान
यूनिफॉर्म से लेकर
विटामिन की गोलियां तक
बंटबाने में उसका
रहता है महत्वपूर्ण योगदान
बस पढ़ाई के मामले में
उसका हाथ तंग दिखता है
वैसे भी आजकल
पढ़ाई किसकी प्राथमिकता है
और ये भी
एक कड़वी वास्तविकता है
जो पढ़े लिखे टीचर हैं
उनको भी पढ़ाने का
वक्त कहां मिलता है
उसका हरफनमौला व्यक्तित्व
बाकी सब पर भारी है
इस साल उसको
राष्टीय पुरस्कार देने की तैयारी है।
✍️ डॉ.पुनीत कुमार
T 2/505 आकाश रेजीडेंसी
आदर्श कॉलोनी रोड
मुरादाबाद 244001
M 9837189600
धन्यवाद सर जी मेरे कृष्ण भगवान जी
जवाब देंहटाएं