मनेगा फाग हमारे संग,
तुम घर आना बन ठन।
करेंगे तुम्हें नहीं हम तंग,
पीयेंगे बस थोड़ी भंग।।
मनेगा फाग हमारे........
सखियाँ आऐं घर-आंगन,
भर-भर हाथों अपने रंग।
मंजीरा बजता ढ़ोल मृदंग,
मस्त हो नाचेंगे सब संग।।
मनेगा फाग हमारे .......
आज भीगें सब तन मन,
प्रेम में होगा ना हुड़दंग।
खेल़ूं ऐसी होली सजन,
मुख से छूटे कभी न रंग।।
मनेगा फाग हमारे.........
गले मिले सब प्रियजन,
एक हुए बिखरे संबध।
गुजिया भुजिया के संग
रंग-बिरंगी मंद सुगंध।।
मनेगा फाग हमारे.......
✍️ धनसिंह 'धनेन्द्र'
म०नं० - 05 , लेन नं० -01
श्रीकृष्ण कालौनी,
चन्द्रनगर , मुरादाबाद पिन-244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मो०- 9412138808
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