गुरुवार, 17 मार्च 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार चन्द्रहास कुमार हर्ष की रचना ----अवीर गुलाल मैंने , गोरे गोरी को लगाया ,



आओ चले लौट चलें , जवानी की ओर ।

स्वस्थ रहें मस्त रहें  चलो खूब करे शोर ।।

नित नित जीवन मे ,  नई नई उमंग हो ,

खुशियों के पन्ने पर ,  नए नए रंग हो ।

चंचल है मन मेरा , देख चांदनी चकोर ,

स्वस्थ रहें मस्त रहें ,   चलो खूब करे शोर ।।

फागुन के मास में , मस्ती का रंग चढ़ा ,

साथ ले ले साजना , मेरी और हाथ बढ़ा ।

पीतांबरी अवनी पर , नाचे वासंती मोर ।।

स्वस्थ रहें मस्त रहें , चलो खूब करे शोर ।।

अवीर गुलाल मैंने , गोरे गोरी को लगाया ,

सब कुछ भूल गया, अपने को जाने कहां पाया।

मैं तो सारा हो गया , रंग से सराबोर ,

स्वस्थ रहें मस्त रहें , चलो खूब करे शोर ।।

धूमधाम से सदा , मनाओ अपनी होली ,

कड़वी ना बात करो , बोलो मीठी मीठी बोली ।

शुभ हो बधाई "हर्ष" , खुशी फैले चहुओर ,

स्वस्थ रहें मस्त रहें ,चलो खूब करे शोर ।।

           

 ✍️  चन्द्रहास कुमार "हर्ष"

       मुरादाबाद ,उ. प्र.भारत

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