आओ चले लौट चलें , जवानी की ओर ।
स्वस्थ रहें मस्त रहें चलो खूब करे शोर ।।
नित नित जीवन मे , नई नई उमंग हो ,
खुशियों के पन्ने पर , नए नए रंग हो ।
चंचल है मन मेरा , देख चांदनी चकोर ,
स्वस्थ रहें मस्त रहें , चलो खूब करे शोर ।।
फागुन के मास में , मस्ती का रंग चढ़ा ,
साथ ले ले साजना , मेरी और हाथ बढ़ा ।
पीतांबरी अवनी पर , नाचे वासंती मोर ।।
स्वस्थ रहें मस्त रहें , चलो खूब करे शोर ।।
अवीर गुलाल मैंने , गोरे गोरी को लगाया ,
सब कुछ भूल गया, अपने को जाने कहां पाया।
मैं तो सारा हो गया , रंग से सराबोर ,
स्वस्थ रहें मस्त रहें , चलो खूब करे शोर ।।
धूमधाम से सदा , मनाओ अपनी होली ,
कड़वी ना बात करो , बोलो मीठी मीठी बोली ।
शुभ हो बधाई "हर्ष" , खुशी फैले चहुओर ,
स्वस्थ रहें मस्त रहें ,चलो खूब करे शोर ।।
✍️ चन्द्रहास कुमार "हर्ष"
मुरादाबाद ,उ. प्र.भारत
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