शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल के साहित्यकार स्मृति शेष रामकुमार गुप्त की काव्य कृति "ज्वाला" । इस कृति का प्रथम संस्करण वर्ष 1943 में प्रकाशित हुआ था । द्वितीय संस्करण वर्ष 1951 में प्रकाशित हुआ । इस कृति में उनकी चौदह कविताएं हैं । हमें यह कृति उपलब्ध कराई है वर्तमान में बरेली निवासी उनकी सुपौत्री स्वाति गुप्ता जी ने .....

 


पूरी काव्य कृति पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए 

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::::::::प्रस्तुति::::::::

डॉ मनोज रस्तोगी 

8,जीलाल स्ट्रीट 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत 

मोबाइल फोन नंबर 9456687822 





2 टिप्‍पणियां:

  1. मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में मुंबई निवासी ) प्रदीप गुप्ता जी की टिप्पणी
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    आदरणीय गुप्त जी ने जो समाज की विसंगतियाँ इंगित की हैं , पूँजी और धर्म के घाल मेल की जो बात अपनी कविताओं में कहीं है वह कहने के लिए साहस चाहिए , सच इनमें आग है . इन्हीं कविताओं के कारण ताऊजी को अंग्रेज़ी हुकूमत के कोप के कारण भूमिगत होना पड़ा था . मुझे यह तो पता था कि उन्हें आज़ादी के पूर्व अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लिखने के कारण कष्ट झेलने पड़े थे लेकिन क्या लिखा था यह भाई मनोज के प्रयासों के कारण जानना सम्भव हुआ है . ये सामाजिक विद्रूपताएँ आज भी मौजूद हैं.
    बधाई मनोज भाई
    प्रदीप गुप्ता, मुंबई

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