मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में मुम्बई निवासी) प्रदीप गुप्ता के सम्मान में रविवार 18 दिसंबर 2022 को साहित्यिक मिलन का आयोजन किया गया। आयोजन में उपस्थित साहित्यकारों ने मुरादाबाद के साहित्यिक परिदृश्य पर चर्चा के साथ- साथ काव्य पाठ भी किया।
कांठ रोड स्थित कोचिंग संस्थान स्कॉलर्स डेन में प्रख्यात साहित्यकार यश भारती माहेश्वर तिवारी के संरक्षण में आयोजित कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने किया । काव्य पाठ करते हुए माहेश्वर तिवारी ने कहा--
साथ-साथ बढ़ता है
उम्र के
अकेलापन
फ्रेमों में मढ़ता है
उम्र के
अकेलापन
प्रदीप गुप्ता का कहना था--
किनारे बैठ कर देख लिया बहुत हमने
मौज के साथ तनिक बह के भी देखा जाए
हास्य व्यंग्य के वरिष्ठ रचनाकार डॉ मक्खन मुरादाबादी ने कहा--
चोरी की कविताओं की
हाय-हाय को लेकर
सवाल यह पैदा होकर सामने आया है
किसने किसका माल चुराया है
वरिष्ठ रचनाकार श्री कृष्ण शुक्ल ने कहा --
द्वेष घृणा मिट सके दिलों से कुछ ऐसे अश्आर लिखो मानवता दम तोड़ रही है कुछ इसका उपचार लिखो
चर्चित नवगीतकार योगेंद्र वर्मा व्योम का कहना था ---
रामचरितमानस जैसा हो
घर आनंद का अर्थ
मात-पिता पति पत्नी भाई
गुरु शिष्य संबंध
पनपें बनकर अपनेपन के
अभिनव ललित निबंध
वरिष्ठ बाल साहित्यकार राजीव सक्सेना ने कहा ....
प्राचीर के पीछे
सूरज निकल तो रहा है
पत्थरों के भीतर
कुछ पिघल तो रहा है
स्पंदन धीमे ही सही
जीवन चल तो रहा है
अंधेरा घना ही सही
दीपक जल तो रहा है
मैं यूं ही डरा जा रहा हूं
युवा शायर ज़िया जमीर का कहना था...
हकीकत था मगर अब तो फसाना हो गया है
उसे देखे हुए कितना जमाना हो गया है
युवा कवि मयंक शर्मा
मन ले चल अपने गांव यह शहर हुआ बेगाना
दुख का क्या है दुख से अपना पहले का याराना
राजीव प्रखर ने दोहे प्रस्तुत करते हुए कहा ....
अब इतराना छोड़ दे, ओ निष्ठुर अंधियार
झिलमिल दीपक फिर गया, तेरी मूंछ उतार
कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने नवगीत प्रस्तुत करते हुए कहा...
उसके दम से मां की बिंदी,
बिछिया कंगना हार
नहीं पिता के हिस्से आया
कभी कोई इतवार
कवयित्री हेमा तिवारी भट्ट ने कहा ...
सुंदरता नैसर्गिक हो सकती है
किंतु उसका स्थायित्व
तुम्हें अर्जित करना पड़ता है
फूल यूं ही फूल नहीं होता
उसे हर पल
फूल रहना पड़ता है
डॉ मनोज रस्तोगी ने कविता 'नई सदी की ओर' के माध्यम से युवा पीढ़ी के अपनी परंपराओं से विमुख होने पर चिंता व्यक्त की....
भेड़ियों के मुहल्ले में
गूंजते हैं
रात को स्वर
आदमी आया ,आदमी आया
रंगकर्मी धन सिंह धनेंद्र ने मुरादाबाद के रंगमंच पर चर्चा की वहीं डॉ स्वीटी तलवार ने प्रदीप गुप्ता की कविता का पाठ किया ।अनिल कांत बंसल ने मुरादाबाद की साहित्यिक विरासत पर चर्चा की । आभार डॉ मनोज रस्तोगी ने व्यक्त किया ।
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