रविवार, 4 दिसंबर 2022

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य संगम की ओर से कवि मनोज मनु को राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग स्मृति साहित्य सम्मान से किया गया सम्मानित

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से रविवार 4 दिसंबर 2022 को मुरादाबाद के साहित्यकार मनोज मनु को "राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग की स्मृति साहित्य सम्मान" से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कालेज के सभागार में हुआ। 

     हिंदी साहित्य संगम, मुरादाबाद के संस्थापक कीर्तिशेष राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग जी की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मानित रचनाकार मनोज 'मनु' को सम्मान स्वरूप अंग-वस्त्र, मान-पत्र स्मृति चिह्न एवं श्रीफल अर्पित किए गए। संस्था की सक्रियता एवं इसके संस्थापक कीर्तिशेष श्रृंग जी के रचनाकर्म  पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने विस्तार से प्रकाश डाला। 

      सुप्रसिद्ध नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने सम्मानित रचनाकार मनोज मनु के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के संबंध में अपने विचार रखते हुए कहा कि मनोज मनु मूलतः शायर हैं और गूढ़ शायर हैं जिनकी ग़ज़लें परंपरागत शायरी की मिठास लिए हुए होती हैं लेकिन जब वह हिन्दी कविता के नगर में चहलक़दमी करते हैं तो उस समय वह कविता का विविधरंगी इंद्रधनुष गढ़ते हुए नज़र आते हैं। 

इस अवसर पर सम्मानित मनोज मनु ने काव्य पाठ करते हुए अपने गीत प्रस्तुत किए- 

मैं समय हूँ चल रहा हूँ क्या करूँ

भूत को रचना था जो सो रच गया 

और भविष्य कल्पना में बस गया

मैं कहाँ ठहरूँ मेरा आधार क्या

हिम सदृश बस गल रहा हूँ क्या करूँ

इसके बाद उन्होंने एक ग़ज़ल भी सुनाई- 

ज़िन्दगी की पहेली सहल हो गई

आपसे जब मुखातिब ग़ज़ल हो गई

इसमें जबसे तुम्हारा ठिकाना हुआ

दिल की कुटिया में मेरी महल हो गई

     कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मक्खन मुरादाबादी का कहना था कि कीर्तिशेष राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग की स्मृति में मनोज मनु को सम्मानित किया जाना उनकी रचनाओं का सम्मान है। मनोज मनु एक प्रतिभाशाली रचनाकार हैं, उन्हें बहुत बहुत बधाई।          मुख्य अभ्यागत राजीव सक्सेना ने कहा कि संस्था के संस्थापक राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग हिंदी को समर्पित एक जुनूनी रचनाकार थे जिन्होंने गीत मुक्तक दोहे तो प्रचुर मात्रा में लिखे ही हाइकु भी लिखे। उनका खंडकाव्य- शकुन्तला हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है। 

   विशिष्ट अभ्यागत अंबरीश गर्ग ने कहा कि मनोज मनु उर्दू के साथ साथ हिंदी के भी महत्वपूर्ण रचनाकार हैं जिनमें अपार संभावनाएं तो हैं ही उनकी रचनाएं भी उल्लेखनीय हैं।

     विशिष्ट अभ्यागत सुप्रसिद्ध शायर अनवर कैफ़ी ने कहा कि मनोज मनु मुरादाबाद के बेहतरीन शायर हैं, उन्होंने अपनी शायरी से साहित्य को समृद्ध किया है।

अनंत मनु ने मनोज मनु का गीत प्रस्तुत किया ।

        इसके अतिरिक्त डॉ अजय अनुपम, विवेक निर्मल, रामसिंह निशंक, ओंकार सिंह ओंकार, के पी सरल, इंदु रानी, डॉ कृष्ण कुमार नाज़, अन्जना वर्मा, कादंबिनी वर्मा, अनंत मनु, संस्कृति मनु, योगेन्द्र पाल विश्नोई, रामेश्वर वशिष्ठ, अमर सक्सेना, राघव गुप्ता आदि साहित्य साधकों ने भी इस अवसर पर उपस्थित होकर कीर्तिशेष श्रृंग जी को नमन करते हुए, सम्मानित रचनाकार मनोज मनु को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। संस्था के अध्यक्ष रामदत्त द्विवेदी आभार-अभिव्यक्त किया।






















:::::::::::::प्रस्तुति:::::::

राजीव 'प्रखर'

कार्यकारी महासचिव

हिंदी साहित्य संगम मुरादाबाद

मोबाइल -9368011960

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