मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से 14 अगस्त 2023 को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । सरस्वती वंदना राम सिंह निशंक एवं संचालन अशोक विद्रोही ने किया ।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा ....
आज प्रातः की मधुबेला में सकल मन हरषाया।
एक बरस के बाद यह शुभ 15 अगस्त आया।
मुख्य अतिथि रघुराज सिंह निश्चल ने कहा ....
दुनिया भर में घूम लो सारा जग लो छान ।
सबसे अच्छा देश है अपना हिंदुस्तान।
विशिष्ठ अतिथि के पी सिंह सरल ने कहा ....
गिद्ध सर्प अरु नेवले करें अनोखा मेल।
खेल रहे मिल बैठकर तरह-तरह के खेल।।
योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई ने कहा ......
हम तुलसी कबीर के जाये सिया राम मय सब जग जानी,
ढाई आखर में ही पढ़ली हमने सारी राम कहानी।
अशोक विद्रोही ने कहा-
वो जान देके भी हमें जीना सिखा गए।
रंग दे बसंती चोला अमर गीत गा गए।
सुखदेव भगत राजगुरु चूम के फंदे
मां भारती की आरती में सिर चढा गए ।
राम सिंह निशंक ने कहा
स्वर्ग से बढ़कर धरती अपनी
छवि इसकी अभिराम है ।
सष्य श्यामला धरती इसकी
कण-कण में भगवान है ।
डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा ....
हम देश के हर फैसले पर
ऐतराज जताते हैं
और तो और
अपनी ही हार पर
जश्न मनाते हैं ।
वीरेंद्र सिंह बृजवासी ने पढा .....
ज्ञानी तुम हो,ज्ञाता तुम हो अपने भाग्य विधाता तुम हो।
जिसकी पूजा करते हो तुम उसके भी निर्माता तुम हो।
राजीव प्रखर ने कहा......
अम्मा ऑंसू भूलकर, करती है ऐलान।
तारा मेरी ऑंख का, माटी पर क़ुर्बान।
ओंकार सिंह ओंकार ने कहा....
तीन रंगों से है बना, दिया तिरंगा नाम ।
झंडा हिंदुस्तान का अद्भुत इसके काम।
विवेक निर्मल ने कहा....
शहरों की आपाधापी से मन ऊबा तब यह सोचा काश हमारा भी एक छोटा सा घर होता गांव में।
कृपाल सिंह धीमान ने कहा ....
सूखे में जवां होंगे लू में मुस्कुराएंगे
हम देश के गुलशन में वह फूल खिलाएंगे
नकुल त्यागी का कहना था .....
मेरा भारत महान देश जो बंटना था बंट चुका
अब और नहीं बंटेगा।
::::::प्रस्तुति:::::
अशोक विद्रोही
उपाध्यक्ष
राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति
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