चन्दा मामा ! दूर थे ।
आज हुये हैं पास के ।।
घर मुन्ने का धरती पर ।
चन्दा थे आकाश पे ।।
चन्दा मामा ! दूर थे ।
आज हुये हैं पास के ।।
पिछ्ली भूल सुधारी जी ,
स्वागत द्वार सजायेंगे ।
'विक्रम' भैया पहुँचे हैं ,
तुमको लेकर आयेंगे ।।
हमको था विश्वास ये ।
एक दिन होंगे पास के ।।
चन्दा मामा ! दूर थे ।
आज हुये हैं पास के ।।
आँख बिछाये बैठे सब ,
'भारत' के घर आना जी ।
'भारत माँ' के हाथों से -
राखी तुम बंधवाना जी ।।
सपने सच्चे करने हैं ।
हम बच्चों की आस के ।।
चन्दा मामा दूर थे ।
आज हुये हैं पास के ।।
नगर, गाँव हर द्वार पर ,
नर्तन सबके पाँव में ।।
जय भारत, जय भारती ,
गूँजा मन की ठाँव में ।।
कोटि - कोटि अधरों पर ।
फूल खिले हैं हास के ।।
चन्दा मामा ! दूर थे ।
आज हुये हैं पास के ।।
✍️ इन्द्रदेव भारती
A/3 - आदर्शनगर,
नजीबाबाद(बिजनौर)
उत्तर प्रदेश, भारत
आभार ।
जवाब देंहटाएंइंद्र देव भारती