"पहुंच गए हम चांद पर", भेज रहे संदेश।
कितना ऊंचा उठ गया, आज हमारा देश।।
उन्नति का इससे जुड़ा, एक नया अध्याय,
भारत अब संचार का, बना बड़ा परिवेश।।1।।
घटीं चांद से दूरियां, बढ़ा देश का मान।
दक्षिण ध्रुव पर चांद के, पहुंचा अपना यान।।
लहर तिरंगा ने किया, चंद्र विजय का घोष,
सारा जग करने लगा, भारत का जय गान।।2।।
विद्वानों ने देश के, करके अद्भुत काम।
दुनिया में रौशन किया, आज देश का नाम।।
वर्षों करके साधना, जीत लिया है चांद,
'इसरो' है 'ओंकार' अब, अपना तीरथ धाम।।3।।
✍️ ओंकार सिंह 'ओंकार'
1-बी/241 बुद्धि विहार, मझोला,
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) 244103
मेरी रचनाएं साहित्यिक मुरादाबाद में प्रकाशित करने के लिए डॉ मनोज रस्तोगी जी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। ओंकार सिंह 'ओंकार' मुरादाबाद
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