महा गर्व से झूम रहा है,
सारा हिंदुस्थान ।
चंदा मामा के घर पहुंचा,
भारत का विज्ञान ।।
दृढ़ इच्छा,संकल्प-शक्ति से,
निश्चित मिलता लक्ष्य।
धरा-गगन के पार क्षितिज पर,
पहुंची चंद्र-उड़ान ।।
अमित कृपा है राम-कृष्ण की,
हुई साधना पूर्ण ।
सकल विश्व दे रहा बधाई,
भारत देश महान ।।
आजादी का अमृत महोत्सव,
अद्भुत है उत्कर्ष ।
गूँज रहा सारी दुनिया में,
भारत का उत्थान ।।
चंद्रयान को मिली सफलता,
कर्म-धर्म की जीत ।
ध्येय हमारा जन-मंगल है,
मानवता कल्याण ।।
देख रही हैं महाशक्तियाँ ।
भारत की उपलब्धि ।।
असमंजस में हुए निशाचर
विफल हुआ अनुमान ।।
सोमदेव से मंगल तक का,
सफल विजय संकल्प ।
सूर्यदेव के चरण-कमल तक,
नहीं रुके अभियान ।।
भारत जग का मुकुट बनेगा,
समय नहीं फिर दूर ।
दुनियाभर के देश करेंगे,
भारत का गुणगान ।।
✍️ डॉ महेश 'दिवाकर'
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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