शनिवार, 17 अप्रैल 2021

मुरादाबाद मंडल के चन्दौसी (जनपद सम्भल) निवासी साहित्यकार अतुल मिश्र का व्यंग्य ----- काने मच्छर की महबूबा !!!!

 


हमारे कानों पर दो मच्छर थे, जो अपने फर्ज़ पूरे करने के लिहाज़ से भिनभिना रहे थे। सोने से पूर्व की सही भूमिका बनाने के लिए हमने कई क़िस्म की परिवर्तनीय करवटें भी लीं, लेकिन ये मच्छर भी न जाने किस ज़िद में थे। टीवी के विज्ञापनों में जापानी शक़्ल की मच्छर गपकने वाली मशीन स्विच बोर्ड पर लगी हम पर हंसती नज़र आ रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे मच्छरों से मशीन ने कुछ 'सैटिंग' कर रखी है। तमाम मच्छर  उस मच्छरमार मशीन का शुक्रिया अदा करने उसके आसपास भी आ-जा रहे थे। 

एक मच्छर दूसरे से कह रहा था- "आदमी की नीयत अगर इस मशीनी दवा की तरह ख़राब रही, तो कोई हमारा शरीर-बांका भी नहीं कर सकता।" 

" वो तो सही है, मगर तू इस आदमी की सुरंग में मत चले जाना। इसने अगर अपने कान पर हाथ रख लिया, तो तू वहीं घुटकर मर जायेगा। यह आदमी ऐसा कई बार कर चुका है।" दूसरे मच्छर ने हमारी शरारत के घातक परिणामों की ओर इशारा करते हुए उसे याद दिलाया।

"तुमसे ज़्यादा मुझे पता है- इसके बारे में। काने मच्छर की महबूबा उसी सुरंग में जाकर मरी थी। बाद में उसकी लाश बड़ी अस्त-व्यस्त हालत में इसके बिस्तर पर पड़ी मिली थी। बेचारी नगर-निगम के दवा न छिड़कने का अभी और फ़ायदा उठा सकती थी। उम्र ही क्या थी अभी उसकी ?" काने मच्छर की महबूबा के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनायें व्यक्त करते हुए पहला मच्छर हमारे कान के पास से सरक लिया।

"काने मच्छर की महबूबा से तुम्हारे भी तो कुछ ताल्लुक़ात रहे थे पहले ? उसके बच्चे कौन से इलाक़े में हैं आजकल ?" दूसरे मच्छर ने काने की महबूबा से पहले मच्छर के नाजायज़ संबंधों का पुनर्स्मरण हुए ऐसे पूछा, जैसे वह कोई बहुत गोपनीय तथ्य उजागर कर रहा हो।

"तो क्या हुआ ? कौन नहीं था उसके पीछे ? तुम भी तो वेटिंग-लिस्ट में चल रहे थे ?"  काने मच्छर की महबूबा के आशिक़ों की पूरी लिस्ट सुनाये बिना पहले मच्छर ने दूसरे मच्छर का मुंह बंद किया और उड़कर मच्छरमार जापानी मशीन का शुक्रिया अदा करने उसके ऊपर आकर बैठ गया।

✍️ अतुल मिश्र, श्री धन्वंतरि फार्मेसी, मौ. बड़ा महादेव, चन्दौसी, जनपद सम्भल, उत्तर प्रदेश, भारत

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-04-2021) को चर्चा मंच   "ककड़ी खाने को करता मन"  (चर्चा अंक-4040)  पर भी होगी!--सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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  2. आदरणीय भाई साहब , हृदय से बहुत बहुत आभार

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  3. जनाब मिश्र जी को मैं काना मच्छर वल्द स्याना मच्छर निवासी धन्वन्तरि फार्मेसी चन्दौसी बजरिए वकील आगाह करता हूँ कि जनाब हम मच्छरों की भी कुछ प्रायवेसी होती है जिसे भंग करके हमारे निजी और गोपनीय सम्बन्धों पर जो कीचड़ उछालने की कोशिश की है वो सरासर नाजायज और नाकाबिले बर्दाश्त है, कृपया इंसानियत के दायरे में रहें और हमारी मच्छरियत को चुनौती देने की जुर्रत न करें वरना आपको मचछराधिकार उल्लंघन के लिए सजावार होना पड़ सकता है।
    नोटिस देहंदा
    काना मच्छर वोही वाला

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