सुखद हों परिवेश जग के , गीत चंदन गा रहा
बन्द निज आवास में, व्यवधान ऐसा छा रहा
कौन जाने समय की गति स्थायी कुछ है ही नहीं
परिस्थितियाँ युगों से, संताप सहती ही रहीं
प्रारब्ध जागे कर्म के,जीवन में है सुख ,दुख सहा
सुखद हों परिवेश जग के, गीत चंदन गा रहा
गति -प्रगति अवरूद्ध होती, है कहीं थमती कहाँ
नित्य परिवर्तन है पल-पल,सम्वेदना जगती यहाँ
भक्ति साधन,साध्य-साधक का सदा ही कर गहा
सुखद हों परिवेश जग के गीत चंदन गा रहा
सृष्टि के प्राणी यहाँ अनभिज्ञ हो कर मौन हैं
प्राण संरक्षक प्रकृति के ,सर्वज्ञ हे प्रभु कौन हैं
लाकडाऊन में फंसा हर व्यक्ति है घबरा रहा
सुखद हों परिवेश जग में ,गीत चंदन गा रहा
व्यवस्था पारम्परिक सब उत्सवों पर रोक है
शान्त हैं सब राज पथ सर्वत्र प्रभु आलोक है
मधुर कलरव पंछियों का ,आनंद से सहला रहा
सुखद हों परिवेश जग में, गीत चंदन गा रहा
✍️ शिव कुमार चंदन
सीआरपीएफ बाउण्ड्री , निकट- पानी की बड़ी टंकी ज्वालानगर, रामपुर ( उत्तर प्रदेश ) मोबाइल फोन नम्बर 6397338850
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