रविवार, 4 अप्रैल 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार बन्शी लाल दिवाकर की कविता ----कोरोना


 बहुत आतंक वरपा रखा था

आतंकियों ने 

आये दिन बम विस्फोट हत्या 

धमकियों ने 

बहुत समझाता रहा है भारत 

बुरा "कोरोना "

नहीं माने तो लो भुगतो अब

जो भी  होना 

अपनों को ही अपनों से कर 

दिया है अलग 

आतंकी हत्यारे सब शांत हैं

अलग -थलग 

इतना ही नहीं, है छूने भर से 

मौत बुलावा 

मौन हो गये हैं मंदिर मस्जिद

गिरजा काबा 

घरों में घुस गए जान बचाने 

बदमाश लठैत  

"कोरोना " ने मारा जब जमा 

भीड़ के बेंत

उनमें से कुछ बीमार हुये कुछ 

मर गये रोगी 

अब तो समझे वही  "कोरोना "

जो भुक्तभोगी 

अब भी वक़्त है, घरों में रहो 

गलत करो ना

बाहर से आकर तुरंत साबुन 

से हाथ धोना

सभी देशवासियों से सरकार

का यही कहना 

"कोरोना "को अगर हराना है 

तो घरों में रहना

कुछ और दिनों की बात बस 

कोई न होगा रोगी 

देश करेगा विकास,

खुशियों की बरसात होगी 

✍️ बन्शी लाल दिवाकर 

सी-143, अवन्तिका कालोनी,

निकट साई पब्लिक स्कूल,पार्क एवं वाटर टैंक

कांठ रोड, मुरादाबाद,उत्तर प्रदेश, भारत



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें