शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार विवेक आहूजा की लघुकथा --अबकी तुम्हारी बारी है

  


मंच पर सोहराब सिंह की विधायकी के इलेक्शन का भाषण चल रहा था । इस बार सोहराब  सिंह के कारनामों के कारण उसकी स्थिति अच्छी नहीं थी , जनसभा में अपेक्षा के अनुरूप भीड़ भी नहीं थी । सोहराब  सिंह का खासम खास एलची  उनके पास आया और बोला जनसभा में लोग आपको बहुत गाली दे रहे हैं और कह रहे हैं सोहराब  सिंह तो बहुत भ्रष्ट है, चोर है पैसा खाता है आदि  आदि.......यह  सुन सोहराब  सिंह चुप रहा और यकायक मंच पर भाषण देने के लिए खड़ा हो गया ।  

       सोहराब  सिंह ने कहा ..............आप लोगों ने जो मुझे तीन बार विधायक बनाया है , मैं इसका शुक्रगुजार हूं । सोहराब सिंह ने आगे कहा.......  पहली बार मैं जब विधायक बना तो मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी लिहाजा पहली बार की विधायकी में मैंने खूब धन कमाया ताकि मैं आगे भी इलेक्शन लड़ सकूं और मुझे पैसे की कोई कमी ना रहे । दूसरी बार जब मैं विधायक बना तो मेरे रिश्तेदार जो मेरे बिल्कुल करीबी थे उनको मैंने खूब पैसा कमाया ताकि रिश्तेदारी में वह मुझे कोई उलाहना ना दे सके तीसरी बार जब मैं विधायक बना तो मैंने अपने कार्यकर्ताओं को जो मेरे साथ दिन रात एक कर के लगे रहते हैं उनको खूब धन कमवाया  ताकि वह मेरे किसी भी इलेक्शन में कोई कोताही ना बरतें । यह मेरा चौथा इलेक्शन है इस इलेक्शन में मैंने यह विचार किया है की जनता जनार्दन "अबकी तुम्हारी बारी है" इस बार मैं विधायक बनके पूर्ण रूप से जनता को समर्पित रहूंगा । लिहाजा आप स्वयं फैसला करें कि आपको क्या करना है। 

 आज इलेक्शन के परिणाम के पश्चात सोहराब  सिंह अपने मुख्य ऐलची के साथ शपथ ग्रहण समारोह में जाने की तैयारी कर रहे हैं ।

✍ विवेक आहूजा, बिलारी , जिला मुरादाबाद

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