शनिवार, 7 जनवरी 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की व्यंग्य कविता .... विकास लापता है


विकास लापता है

सरकार और जनता

दोनों को

इस बात का पता है


विकास

कैसा दिखता है

किस जगह मिलता है

अधिकांश जनता

इस बात से अनजान है

क्योंकि उसने

आज तक विकास को

ना कभी देखा है

ना उसकी किसी के 

माध्यम से

कोई जान पहचान है


विकास आखिरी बार

कहां पर मिला था

क्या किसी को

उसके हिंदू या मुस्लिम

होने का पता चला था


किसी के पास

अगर विकास का कोई फोटो हो

तो हमको अवश्य दिखाएं

ताकि हम

पूरी ईमानदारी से

विकास को ढूंढने में जुट जाएं


सरकार की नियत पर

हमें पूरा विश्वास है

हम जानते हैं

विकास यहीं कहीं,

हमारे ही आस पास है


✍️ डॉ पुनीत कुमार

T 2/505 आकाश रेजीडेंसी

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

M 9837189600

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