....भैया कम्बल कैसे दिए हैं ।
अरे आप तो ले लो, बस दो ही बचे हैं... पैसे तो हो ही जायेंगे ।
ठीक है, दोनों दे दो ," ग्राहक ने कहा"।
विक्रेता ने दोनों कम्बलों के चार सौ रुपये लेकर उसे चलता किया।
गोलू जो उधर से गुज़र रहा था, यह देखकर कह उठा,"अरे.... तुम तो अपने बच्चों के साथ कम्बल वितरण की लाइन में लगे हुए थे... अब समझा...."।
अशोक विश्नोई
मो०9458149223
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें