सोमवार, 2 जनवरी 2023

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम ने नव‌वर्ष आगमन पर रविवार एक जनवरी 2023 को आयोजित की काव्य-गोष्ठी

नववर्ष के आगमन पर मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम के तत्वावधान में, मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इण्टर कॉलेज में काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया । मीनाक्षी ठाकुर द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से आरम्भ हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रामदत्त द्विवेदी ने की। मुख्य अतिथि ओंकार सिंह ओंकार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में राजीव सक्सेना मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन राजीव प्रखर ने किया।  

काव्य पाठ करते हुए योगेन्द्र वर्मा व्योम ने कहा - 

धर्म के उन्माद का ना हो अंँधेरा। 

दूर ले जाये कहीं नफ़रत बसेरा। 

हो तनिक न जातिगत विद्वेष का विष, 

फिर जगे विश्वास का नूतन सबेरा

 हों सुगंधित प्यार से सारी दिशायें, 

 हैं यही नववर्ष की शुभकामनायें। 

राजीव 'प्रखर' ने नववर्ष का स्वागत करते हुए कहा 

अजी भुला भी दीजिए, दिल से सभी बवाल। 

जहाॅं नयापन सोच में, वहीं नया है साल।। 

आशाओं की जीत हो, अवसादों की हार। 

निकले सबके काव्य से, ऐसी कल-कल धार।। 

कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर की कामना थी - 

नये साल में माँगते, प्रभु जी हम वरदान। 

विश्व गुरु बन जाये फिर, अपना हिंदुस्तान।। 

नकुल त्यागी भी इस प्रकार चहके - 

ऐसे कर्म करें हम मिलकर, जगे नई आशाएं I 

खुशियां मिले सभी को जग में सब हंसे और हंसाए I 

जितेन्द्र कुमार जौली ने अपनी इस रचना से हास्य के रंग भरे - 

मेरा सपना हो साकार, जल्दी से जोड़ी बनवाओ। 

पंडित जी कर दो उपकार, मेरी भी शादी करवाओ। 

कवयित्री हेमा तिवारी भट्ट ने समाज से प्रश्न किया -

 धरती के सीने से क्या रवि फूटेगा 

या किसी निर्धन का दिल नहीं टूटेगा,

 खुश रह पायेगा मानव क्या फटेहाल में?

  सोचने लगी हूँ क्या होगा नये साल में ?

 मनोज मनु की अभिव्यक्ति इस प्रकार रही - 

 जीवन हो सुख से भरा होवें सतत् विकास। 

 आपस में जीवित रहे, मान हास परिहास।। 

इन्दु रानी ने प्रार्थना की - 

वतन परस्ती मिशन हमारा बहुत जरूरी खयाल रखना।

 मैं मर भी जांऊ, अगर वतन पे,कभी न इसका मलाल रखना।

    इसके अतिरिक्त राम सिंह निशंक, रामेश्वर वशिष्ठ, रामदत्त द्विवेदी, राजीव सक्सेना तथा ओंकार सिंह ओंकार ने भी अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से विभिन्न विषयों को उठाया। इस अवसर पर श्री पदम सिंह बेचैन की कृति श्रीमद्भागवत गीता रहस्य का विमोचन हुआ तथा आकांक्षा विद्यापीठ इण्टर कॉलेज के होनहार छात्र अभिषेक सैनी को पाॅंच हजार रुपये नकद धनराशि देकर सम्मानित किया गया। संस्था अध्यक्ष श्री रामदत्त द्विवेदी द्वारा आभार अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुॅंचा।
























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