मंगलवार, 31 जनवरी 2023

मुरादाबाद मंडल के हसनपुर (जनपद अमरोहा ) के साहित्यकार मुजाहिद चौधरी की ग़ज़ल ..मैं अपने मुल्क पर कुर्बान हो जाऊं ये ख्वाहिश है


मैं अपने मुल्क पर कुर्बान हो जाऊं ये ख्वाहिश है ।

मैं सच की राह पर कुर्बान हो जाऊं ये ख्वाहिश है ।।

यहां हर सिम्त हर सू झूठ का ही बोल बाला है ।

जमाने को मैं इतना सच बता जाऊं ये ख्वाहिश है ।।

तुम्हारी जिंदगी अंधेरी राहों का समंदर है ।

मैं जुगनू बन के जगमगा जाऊं ये ख्वाहिश है ।।

हटा दूं राह के पत्थर मैं चुन लूं राह के कांटे ।

तुझे मंजिल दिला जाऊं फकत मेरी ये ख्वाहिश है ।।

हमारी जिंदगी में और इस दुनिया के रहने तक ।

तिरंगा बनके लहराऊं फकत मेरी ये ख्वाहिश है ।।

सभी मिलकर करें मजबूत रिश्ता फिर मोहब्बत का ।

मैं नफरत को मिटा जाऊं फकत मेरी ये ख्वाहिश है ।।

खत्म हो जाएं मुजाहिद आपसी झगड़े ।

खुशी बनके मैं छा जाऊं फकत मेरी ये ख्वाहिश है ।।


✍️ मुजाहिद चौधरी 

हसनपुर, अमरोहा

उत्तर प्रदेश, भारत

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