दिल का सच में सच्चा है, पागल है वह।
लेकिन सिर में फोड़ा है, पागल है वह।
बातें करने के खोजता बहाने है,
सबकी सुध-बुध रखता है, पागल है वह।
लोगों से मिलता है तो दिल में बसकर,
लूट दिलों को लेता है, पागल है वह।
हर सुख-दुख में सब मित्रों के साथ खड़ा,
नजर हमेशा आता है, पागल है वह।
मात-पिता, गुरुओं में ईश देखता है,
शायद अब तक बच्चा है, पागल है वह।
जाने कितनी बार पिया है विष उसने,
फिर भी अब तक जिंदा है, पागल है वह।
कोई ठेस पहुँचा दे दिल को तो भी खुश,
खुद को मानव कहता है, पागल है वह।
✍️ मनोज मानव
पी 3/8 मध्य गंगा कॉलोनी
बिजनौर 246701
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9837252598
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