हर दिन हर पल पा रही, जग भर में विस्तार।
कोना कोना कर रहा, अब हिंदी से प्यार।। 1।।
माँ की बोली सी लगे, छू ले मन के तार,
खुले हृदय से सब करें, हिंदी को स्वीकार।। 2।।
हिंदी हिन्दुस्तान की, आन बान अरु शान।
पूर्ण राष्ट्र भाषा बने, लो इसका संज्ञान।। 3।।
भारत का प्रतिबिम्ब है, जीवन का आधार।
आओ सब मिलकर करें, हिंदी की जयकार।।4।।
✍️ प्रो.ममता सिंह
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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