रविवार, 22 जनवरी 2023

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल के साहित्यकार डॉ फहीम अहमद की बाल कविता ....घुमक्कड़ तितली


अपनी मर्ज़ी की मालिक है

तितली बड़ी घुमक्कड़।


नन्ही है पर घूम चुकी दुनिया

का चप्पा-चप्पा।

खुश होकर झूमी मस्ती में

गाती लारा-लप्पा।


थकती नहीं ज़रा भी पगली

वह है पूरी फक्कड़।


देख चुकी है वह दुनिया का

रंग बिरंगा मेला।

लगा उसे जग का हर मंज़र

फूलों सा अलबेला।


बूझे नई पहेली फूलों से

बन लाल बुझक्कड़।


हवा,रोशनी,मिट्टी,पानी,

खुशबू वाली बातें।

छिपी हुई नन्हे पंखों में

जाने क्या सौगातें।


कहां कहां से लाई क्या क्या

भूली, बड़ी भुलक्कड़।


✍️ डॉ फहीम अहमद

असिस्टेंट प्रोफ़ेसर ,हिंदी विभाग,

महात्मा गांधी मेमोरियल पी.जी.कालेज,

सम्भल  244302

 उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल  8896340824,9450285248

Email   hadi.faheem@yahoo.com

             drfaheem807@gmail.com

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