बुधवार, 15 मार्च 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार योगेंद्र वर्मा व्योम की रचना ..चिपट कर चूमते कुछ लोग उसको प्यार से बेहद, गधों की बढ़ गई है आजकल औकात होली में ..........

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2 टिप्‍पणियां:

  1. अगर चूमेंगे न गाल होली में,
    तो फिर,
    होली का इंतजार किस खुशी में।
    अगर गौरी को न,
    गले‌ लगा पाए,
    तो महोबत,
    कैसे चढ़ेगी,
    परबान‌ होली में।
    अजी जनाब!
    होली मनाईए,
    सन्यासी मत बनाइए।

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